
सीमलिया क्षेत्र के उकल्दा गांव में जाने का कच्चा रास्ता
सीमलिया. कस्बे से महज सात व दीगोद उपखण्ड से 15 किलोमीटर दूर उकल्दा गांव जिसमें लगभग 450 वोटर व लगभग 900 की आबादी है। गांव के लोगों को सात दशक बाद भी सीमलिया से संपर्क सड़क से जुडऩे का सपना ही है। वैसे चुनावों के समय गांव में वोट मांगने वाले प्रत्याशी सड़क निर्माण का प्रलोभन देते है। मगर जीत के बाद भूल जाते हैं। सीमलिया से संपर्क सड़क नहीं होने के कारण उकल्दा गांव के लोगों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बारिश के दिनों में सीमलिया आने में करीब 20 किलोमीटर से ज्यादा का रास्ता नापना पड़ता है। जबकि यह रास्ता महज 7 किलोमीटर है। सीमलिया से कल्याणपुरा तक सड़क बनी हुई है। मगर कल्याणपुरा से उकल्दा के बीच 2 किलोमीटर का कच्चा रास्ता ही है जो बारिश के दिनों में दलदल जैसा हो जाता है जिसमें पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है।
बारिश में कट जाता है संपर्क
उकल्दा गांव सीमलिया थाना क्षेत्र में है। अगर गांव में किसी प्रकार की अनहोनी या कोई अपराधिक गतिविधि हो जाए तो वहां के व्यक्ति को रिपोर्ट लिखवाने के लिए भी सोचना पड़ता है7 क्योंकि बारिश के 4 महीने रास्ता नहीं होने के कारण सीमलिया के लिए पड़ासलिया, कंवरपुरा, दीगोद होते हुए आना पड़ता है। प्रशासन को भी गांव तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है।गौरतलब है कि उकल्दा गांव पीपल्दा विधानसभा का आखिरी गांव है जिसकी पंचायत तोरण गांव लगती है। वहीं सीमलिया पंचायत क्षेत्र सांगोद विधानसभा में लगता है जिसका आखिरी गांव कल्याणपुरा है। कल्याणपुरा उकल्दा में महज 2 किलोमीटर का अंतर है। यही कारण है कि यह रास्ता 2 विधानसभाओं की व दो पंचायतों की सीमा पर होने के कारण कोई जनप्रतिनिधि इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। इसी कारण उकल्दा गांव को मजबूरन 20 किलोमीटर दूर सुल्तानपुर से जुडऩा पड़ता है। अगर 2 किलोमीटर का रास्ता सड़क में तब्दील हो जाए तो गांव में विकास की राह खुलेगी।
Published on:
21 Mar 2021 11:48 pm
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