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कंप्यूटर, एआई, डाटा साइंस एवं मैथ्स एण्ड कम्प्यूटिंग की तरफ इंडियन इंजीनियरिंग

डिजिटल इंडिया अभियान के तहत देश में बढ़ते कॅरियर ऑप्शन्स के बाद अब इंडियन इंजीनियरिंग एजुकेशन भी डिजिटल सॉफ्टवेयर कोर्सेज की तरफ बढ़ रही

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कोटा

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Abhishek Gupta

Aug 27, 2024

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डिजिटल इंडिया अभियान

डिजिटल इंडिया अभियान के तहत देश में बढ़ते कॅरियर ऑप्शन्स के बाद अब इंडियन इंजीनियरिंग एजुकेशन भी डिजिटल सॉफ्टवेयर कोर्सेज की तरफ बढ़ रही है। हाल ही में चल रही काउंसलिंग के दौरान स्टूडेंट्स के ब्रांचेंज में सुझान के आधार पर यह सामने आ रहा है।
इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में बैठने वाले स्टूडेंट्स में लाखों स्टूडेंट्स की बढ़ोतरी हो रही है। इसका बड़ा कारण भी देश में इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी बेस्ड कॅरियर की सम्भावनाएं विकसित होना माना जा रहा है। डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट के अनुसार यदि विश्व की सभी बड़ी कंपनियां भारत में निवेश करेगी तो सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर इंजीनियरिंग सेक्टर में ही खुलेंगे।
कोरोनाकाल में भी देखा है कि शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों के स्टूडेंट्स ने कैसे विकट परिस्थति में भी अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से आमजन को लाभ दिलाया।

आने वाला समय डिजिटल सॉफ्टवेयर युग
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के एजुकेशन एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि आने वाला युग तकनीकी व डिजिटल सॉफ्टवेयर बेस्ड होगा। इसे देखते हुए अधिकांश आईआईटी व अन्य विख्यात इंजीनियरिंग संस्थानों ने कंप्यूटर साइंस के साथ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डाटा साइंस, मशीन लर्निंग, मैथ्स एन्ड कंप्यूटिंग, क्लाउड कम्प्यूटिंग, साइबर सिक्योरिटी, ब्लॉक चेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे कोर्सेज शुरू कर दिए हैं। इन कोर्सेज में निकट भविष्य में कॅरियर की संभावनाएं अधिक हैं। इसीलिए स्टूडेंट्स का रूझान कम्प्यूटर साइंस के साथ-साथ इन क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है।

क्या कहते है आंकड़े
एक्सपर्ट आहूजा ने बताया कि आकड़ों के अनुसार देश की सबसे कठिनतम एवं प्रतिष्ठित प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस्ड के द्वारा देश की 23 आईआईटी की 17 हज़ार 740 सीटों के लिए क्वालीफाई 48 हज़ार 248 स्टूडेंट्स में शीर्ष 5 हज़ार एआईआर वाले स्टूडेंट्स केवल कंप्यूटर साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डाटा साइंस, मशीन लर्निंग, मैथ्स एन्ड कंप्यूटिंग जैसी ब्राचो में ही प्रवेश लेते है ऐसे में सभी आईआईटी की ये सभी ब्रांचे मात्र 8 हज़ार के एआईआर पर ही क्लोज हो जाती है। आकड़ो का विश्लेषण करने पर सामने आया की शीर्ष आईआईटी बॉम्बे, दिल्ली, कानुपर, मद्रास, खरगपुर, गुवहाटी, रूडकी एवं हैदराबाद जैसे आईआईटी में इन सभी ब्रांचो की ओपन केटेगरी में कटऑफ केवल 1 हज़ार एआईआर पर ही क्लोज हो गई है, इसके अतिरिक्त अन्य आईआईटी जैसे बीचयू, इंदौर, मंडी, जोधपुर, पटना, रूपड़, भुबनेश्वर जैसी वर्ष 2012 में खुली आईआईटी में भी 5 हज़ार की एआईआर पर इन सभी ब्रांचों की क्लोजिंग रही साथ ही वर्ष 2017 में खुली आईआईटी भिलाई, भुबनेश्वर, तिरुपति, जम्मू, गोवा, पलक्कड़ में भी इन सभी डिजिटल ब्रांचों की क्लोजिंग एआईआर 8 हज़ार पर ही क्लोज हो गई है।

क्यों चुनते हैं डिजिटल एवं सॉफ्टवेयर ब्रांच
एजुकेशन एक्सपर्ट आहूजा ने कहा कि स्टूडेंट्स द्वारा इन डिजिटल सॉफ्टवेयर ब्रांचों का चयन करने का प्रमुख कारण इन ब्रांचों के बढ़ते स्कोप के साथ-साथ बड़े पैकेज पर अच्छी कंपनियों में नौकरियों का मिल जाना है। साथ ही इन ब्रांचों द्वारा स्टूडेंट्स भविष्य में आगे की पढ़ाई के लिए भी देश-विदेश में अच्छे विकल्पों को चुन लेते हैं। विदेशी श्रेष्ठ संस्थानों द्वारा भी डिजिटल ब्रांचों के स्टूडेंट्स को चयन में प्राथमिकता मिल जाती है। स्टूडेंट्स इन ब्रांचों के साथ सॉफ्टवेयर डवलपर, वेब डवलपर, सॉफ्टवेयर टेस्टिंग, डाटाबेस एनालिस्ट, बिजनस एनालिस्ट, सिस्टम डिजाइनर एवं नेटवर्किंग इंजीनियर आदि क्षेत्रों में अपना कॅरियर बना रहे हैं।