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ठेका कार्मिक की हड़ताल का असर: केन्द्रीय प्रयोगशाला में जांच अटकी, कई की रिपोर्ट गुम, मरीज परेशान

एमबीएस अस्पताल के ठेका कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सैम्पलों की जांच नहीं हो पा रही है। कई सैम्पलों की जांचें नहीं हो रही है। जिन सैम्पलों की जांच की गई तो उनकी रिपोर्ट रिपोर्ट गुम हो गई। मरीज अब जांचों के लिए चक्कर काट रहे है। इसके चलते उनका इलाज नहीं हो पा रहा है। पत्रिका संवाददाता ने सोमवार शाम को सेन्टल लैब में जाकर देखा तो हालात काफी खराब मिले। जांचों के लिए मरीजों व तीमारदारों की लंबी कतारें लगी हुई थी।

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कोटा

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Abhishek Gupta

Sep 26, 2023

कोटा. एमबीएस अस्पताल के ठेका कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सैम्पलों की जांच नहीं हो पा रही है। कई सैम्पलों की जांचें नहीं हो रही है। जिन सैम्पलों की जांच की गई तो उनकी रिपोर्ट रिपोर्ट गुम हो गई। मरीज अब जांचों के लिए चक्कर काट रहे है। इसके चलते उनका इलाज नहीं हो पा रहा है। पत्रिका संवाददाता ने सोमवार शाम को सेन्टल लैब में जाकर देखा तो हालात काफी खराब मिले। जांचों के लिए मरीजों व तीमारदारों की लंबी कतारें लगी हुई थी। लोग घंटों कतार में खड़े होकर जांचों के लिए इंतजार करते दिखे। वैकल्पिक तौर नर्सिंग स्टूडेंट लगा रखे है, लेकिन उनसे व्यवस्था संभल नहीं रही है। इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रकोप बना हुआ है।

बड़ी संख्या में मरीजों की जांचें हो रही है। केंद्रीय प्रयोगशाला में यूरीन व ब्लड सैम्पल की जांच नहीं हो रही है। कई सैम्पल वैसे ही छोड़ कर चले गए। कर्मचारी दूसरे दिन जांच लेने आए तो उन्हें जांचे नहीं मिली हे। मरीज परेशान हो रहे है। मानपुरा निवासी नीरज ने बताया कि वे सीबीसी की जांच के लिए लैब में आए थे। खिड़की पर नर्सिंग स्टूडेंट ने जांच का पर्चा तो ले लिया, लेकिन रिपोर्ट नहीं दी। बताया कि रिपोर्ट गुम हो गई। वे काफी परेशान हुए। अन्य एक मरीज ने बताया कि सुबह जांच पर्ची के लिए लाइन में लगे, फिर सैम्पल देने के लिए कतार में लगे, फिर जांच लेने के लिए कतार में लगे। एक जांच के लिए दो से तीन घंटे खराब हो रहे है।
आईसीयू के शौचालय में पड़ा कचरा ,संक्रमण का खतरा
एमबीएस अस्पताल में सोमवार को भी कई वार्डों से कचरा नहीं उठा। आईसीयू जैसी जगह पर शौचालय में कचरे का ढेर लगा है। इससे रोगियों को संक्रमण का खतरा बना हुआ है।

इनका यह कहना

केन्द्रीय प्रयोगशाला में सैम्पल अटके रहने की सूचना नहीं है। यदि ऐसा है तो उसे दिखवाते है।
– नीलिमा सोनी, प्रभारी, केन्द्रीय प्रयोगशाला, एमबीएस