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JEE Advance 2019: पेपर 1 के मुकाबले पेपर 2 था ज्यादा सरल, जानिए कैसा था जेईई एडवांस का पेपर…

आईआईटी में दाखिले के लिए जेईई एडवांस्ड एग्जाम देश के 155 शहरों व 6 अन्य देशों में दो पारियों में ऑनलाइन मोड पर संपन्न हुए

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कोटा

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Suraksha Rajora

May 27, 2019

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जेईई एडवांस 2019 : पेपर 1 के मुकाबले पेपर 2 था ज्यादा सरल, जानिए कैसा था जेईई एडवांस का पेपर...


कोटा. आईआईटी में दाखिले के लिए जेईई एडवांस्ड एग्जाम देश के 155 शहरों व 6 अन्य देशों में सोमवार को दो पारियों में ऑनलाइन मोड पर संपन्न हुए। राजस्थान में जयपुर सहित 7 शहरों में यह परीक्षा आयोजित हुई। सुबह के सत्र में पहला पेपर व दोपहर सत्र में दूसरे पेपर का आयोजन हुआ।


career points के प्रबंध निदेशक प्रमोद माहेश्वरी के अनुसार, जेईई एडवांस्ड पेपर 1 की परीक्षा का पूरा पेपर मॉडरेट लेवल यानी न ज्यादा मुश्किल न ज्यादा आसान था। पेपर छात्रों की उम्मीद के अनुसार रहा। फिजिक्स ने थोड़ा छकाया। वहीं, दूसरा पेपर बेलेंस रहा और वर्ष 2018 के पैटर्न पर ही आधारित रहा।

कंप्यूटर स्क्रीन पर प्रश्न पूरा पढ़ने में असुविधा भी छात्रों को रही। ऑल ओवर बात करे तो पेपर वन पेपर दो के मुकाबले थोड़ा कठिन रहा। पेपर वन में फिजिक्स कठिन रहीं, वहीं मैथ्स दोनों ही पेपर में लेंदी रहीं। कैमेस्ट्री एवरेज रहीं। गत वर्ष की तुलना में मार्किंग पेर्टन सरल रहा।


विश्लेषण पेपर- वन
कॅरिअर पॉइंट के प्रबंध निदेशक प्रमोद माहेश्वरी के अनुसार, जेईई एडवांस का पेपर-1 कुछ बदले हुए पैटर्न पर आधारित रहा। तीन भागों में विभाजित पेपर 1 के दूसरे भाग में वस्तुनिष्ठ प्रश्न तथा तीसरे भाग में आंकिक प्रश्न थे, वहीं, प्रथम भाग में चार वस्तुनिष्ठ प्रश्न थे। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्पों में से केवल एक ही विकल्प ठीक था। मार्किंग पेटर्न $3/-1 का था।

द्वितीय भाग में 8 वस्तुनिष्ठ प्रश्न थे। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्पों में से एक या एक से अधिक विकल्प ठीक हो सकते थे। यदि किसी प्रश्न के चारों विकल्प ठीक है तो चारों ठीक विकल्पों का चयन करने पर विद्यार्थी को $4, तीन ठीक विकल्पों का चयन करने पर $3, दो ठीक विकल्प का चयन करने पर $2,तथा एक विकल्प का चयन करने पर $1 अंक प्रदान करने का प्रावधान था।

यदि किसी प्रश्न पर गलत विकल्प चुन लिया गया तो ऋणत्मक अंक पद्धति के आधार पर विद्यार्थी को -1 प्राप्त होने का प्रावधान था। तृतीय भाग में आंकिक गणना पर आधारित 6 प्रश्न थे। प्रतिक प्रश्न तीन अंको का था। इस भाग में ऋणत्मक अंकपद्धति लागू नहीं की गई थी। संपूर्ण प्रश्न पत्र में कुल 54 प्रश्न पूछे गए,तथा अधिकतम प्राप्तांक 186 रहे।


विश्लेषण पेपर-टू
कॅरिअर पॉइंट के प्रबंध निदेशक प्रमोद माहेश्वरी के अनुसार, द्वितीय पेपर में वस्तुनिष्ठ प्रश्न, आंकिक प्रश्न तथा सूची सुमेलन से संबंधित प्रश्न तीन अलग- अलग भागों में पूछे गए। मैथ्स के प्रश्न काफी लंबे थे। पेपर-2 तीन भागों में विभाजित था। प्रथम भाग में 8 वस्तुनिष्ठ प्रश्न थे। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्पों में से एक या एक से अधिक विकल्प ठीक हो सकते थे।

यदि किसी प्रश्न के चारों विकल्प ठीक है तो चारों ठीक विकल्पों का चयन करने पर विद्यार्थी को $4, तीन ठीक विकल्पों का चयन करने पर $3, दो ठीक विकल्प का चयन करने पर $2,तथा एक विकल्प का चयन करने पर $1 अंक प्रदान करने का प्रावधान था। यदि किसी प्रश्न पर गलत विकल्प चुन लिया गया तो ऋणत्मक अंक पद्धति के आधार पर विद्यार्थी को -1 प्राप्त होने का प्रावधान था। द्वितीय भाग में आंकिक गणना पर आधारित 6 प्रश्न थे।

प्रत्येक प्रश्न तीन अंको का था। इस भाग में ऋणत्मक अंकपद्धति लागू नहीं की गई थी। तृतीय भाग सूची सुमेलन से संबंधित था। इस भाग में दो सूची युग्म उपस्थित थे। प्रत्येक सूची युग्म में सूमेलन से संबंधित दो प्रश्न थे। अर्थात कुल मिलाकर 4 प्रश्न थे। प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का था। मार्किंग पेटर्न $ 3/-1 था। पेपर-2 में प्रत्येक विषय में कुल 18 प्रश्न थे। प्रत्येक विषय में अधिकतम प्राप्तांक 62 रहे। संपूर्ण प्रश्न पत्र में कुल 54 प्रश्न पूछे गए।