
Dail given to women jail guard, prisoner escaped from prison custody
कोटा .
स्कूल भवन में निर्माण कार्य का उपयोगिता प्रमाण-पत्र जारी करने की एवज में 14 साल पहले 3 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए टोंक निवासी डीपीईपी बूंदी के तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता को अदालत ने मंगलवार को 4 साल कठोर कैद व 30 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है।
बूंदी जिले के हिंडोली स्थित खोढ़ी पंचायत में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामदेव ने 25 जनवरी 2003 को एसीबी बूंदी में शिकायत दी थी। इसमें कहा था कि विद्यालय में भवन निर्माण कार्य के लिए डीपीईपी कार्यालय बूंदी से वर्ष 2001-02 में 1 लाख 74 हजार 400 रुपए स्वीकृत हुए थे। इससे निर्माण कार्य कराया गया। इसकी देखरेख विद्यालय प्रबंधन समिति ने की।
कार्य पूर्ण होने पर बिल डीपीईपी में पेश किए गए। वहां निर्माण कार्य का उपयोगिता प्रमाण-पत्र लेने के लिए आवेदन किया तो डीपीईपी बूंदी के तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता भानू कुमार जैन ने 6 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। काफी गुहार करने पर वह दो किश्तों में राशि लेने को तैयार हुए। लेकिन वह रिश्वत नहीं देना चाहते। शिकायत का एसीबी ने सत्यापन कराया। इसके बाद एसीबी बूंदी की टीम ने भानू को रामदेव से 3 हजार रुपए रिश्वत लेते 28 जनवरी 2003 को उनके बूंदी स्थित किराए के मकान से पकड़ा। रिश्वत की राशि बरामद कर एसीबी ने आरोपित के खिलाफ चालान पेश किया।
सहायक निदेशक अभियोजन एहसान अहमद ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने 12 गवाहों के बयान कराए। विशिष्ट न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण ने अग्रवालों का मोहल्ला टोंक निवासी भानू कुमार जैन को दोषी मानते हुए 4 साल कठोर कैद व 30 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है।
Published on:
19 Dec 2017 08:03 pm
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