
Jupiter And Venus Will Interrupt Weddings
देव उठनी एकादशी के बावजूद अगले 5 महीनों तक शुभ मुहूर्तों की खासी कमी रहेगी।धनुर्मास, मलमास के साथ विवाह के प्रमुख कारक माने जाने वाले महत्वपूर्ण ग्रह गुरु और शुक्र शादी का सपना देख रहे युवाओं की राह में रोड़ा बनेंगे। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस वर्ष विवाह के मुहूर्त का टोटा रहेगा। गिनती के सावों में ही बेटे-बेटियों के हाथ पीले करने होंगे। शुभ मुहुर्तों की कमी का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि नवम्बर से लेकर मार्च तक प्रमुख रूप से दर्जनभर सावे ही रहेंगे।
31 अक्टूबर को अबूझ सावा
करीब चार माह देवशयन काल के बाद 31 अक्टूबर को देवप्रबोधिनी एकादशी मनाई जाएगी। विवाह के लिए इस मुहूर्त को अबूझ माना गया है। इस मुहूर्त में शहर में जमकर मांगलिक आयोजन होंगे। इसके बाद करीब 3 सप्ताह तक विवाह मुहूर्त नहीं है।
सावे कब कब
ज्योतिषाचार्य आचार्य धीरेन्द्र के अनुसार नवम्बर माह में 23, 24, 28 व 29 नवम्बर, दिसम्बर में 1, 4, 10 और 11 दिसम्बर को विवाह मुहूर्त होंगे। इसके बाद फरवरी 2018 में 6, 7, 18 तारीखों को और इसके बाद मार्च के महीने में 6 और 8 तारीख को ही सावे रहेंगे। हालांकि अलग अलग पंचांगकारों के कुछ ज्योतिषीय दृष्टिकोण के चलते विवाह तारीखों में कुछ अंतर संभव है।
अस्त हो रहे तारे
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि देव प्रबोधिनी एकादशी से पहले ही 11 अक्टूबर से विवाह के प्रमुख कारक बृहस्पति अस्त हैं, वे 6 नवम्बर को उदय होंगे। उधर, 15 दिसम्बर 2017 को विवाह का ही प्रमुख कारक शुक्र तारा भी अस्त हो जाएगा, यह नए वर्ष में 3 फरवरी को उदय होगा। दोनों प्रमुख तारों के अस्त रहने के कारण इस दौरान मांगलिक आयोजन नहीं होंगे। इसी दौरान 16 दिसम्बर से 14 जनवरी तक मलमास के कारण मांगलिक आयोजन नहीं होंगे। धीरेन्द्र के अनुसार सावों को तय करने के लिए विभिन्न बिन्दुओं को देखा जाता है, इस हिसाब से इस वर्ष कम ही सावे निकल रहे हैं।
Updated on:
24 Oct 2017 12:11 pm
Published on:
24 Oct 2017 12:10 pm
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