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Rajasthan: 100 से ज्यादा अवैध कॉलोनियों पर चलेगा बुलडोजर, भू-माफियाओं पर होगी सख्त कार्रवाई, सरकारी जमीन पर ही काट दी कॉलोनियां

शहर और आसपास क्षेत्र में बिना ले-आउट, अनुमोदन और रेरा की अनुमति के बिना कॉलोनियां काटी जा रही हैं। ऐसे में केडीए की ओर से ऐसी कॉलोनियों का चिह्नीकरण किया गया है। अब इन कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

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कोटा

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Akshita Deora

May 27, 2025

MP News bulldozer action houses shops will be demolishe

टूटेंगे 282 मकान-दूकान, बनेगी फोरलेन सड़क houses shops will be demolishe (फोटो सोर्स : पत्रिका)

KDA Bulldozer Action: कोटा विकास प्राधिकरण (केडीए) अब शहर व इसके आसपास सरकारी और कृषि भूमि पर बिना अनुमोदन के विकसित की जा रही कॉलोनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। केडीए प्रशासन ने इसके लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध कॉलोनियों का चिन्हीकरण करवाया है। अब केडीए की ओर से इन अवैध कॉलोनियों को साफ किया जाएगा। इसके लिए जून में बड़ा अभियान चलाया जाएगा।

शहर के बारां रोड, बोरखेड़ा, बोरखंडी, देवली अरब रोड, रायपुरा रोड, कुन्हाड़ी और बालिता रोड, रावतभाटा रोड, बंधा धर्मपुरा रोड समेत शहर के विभिन्न क्षेत्रों में केडीए समेत विभिन्न विभागों की अरबों रुपए की सरकारी जमीन समेत कृषि भूमि पर अवैध रूप से कॉलोनियां काटने के मामले में केडीए प्रशासन ने सर्वेक्षण करवाया। इसमें कोटा में सरकारी व कृषि भूमि पर अवैध रूप से 100 से अधिक कॉलोनियां काटना पाया गया।

200 करोड़ रुपए से अधिक की भूमि से हटाया अतिक्रमण

केडीए प्रशासन ने ऐसी भूमि पर अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया है। अब तक करीब 200 करोड़ रुपए से अधिक की भूमि से अतिक्रमण हटाया जा चुका है। पहले चरण में 31 मई तक लगातार अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जा रहा है। इसके बाद जून में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा। जिसमें इन अवैध कॉलोनियों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

देखें यह वीडियो :-

बिना ले-आउट काट रहे कॉलोनियां

शहर और आसपास क्षेत्र में बिना ले-आउट, अनुमोदन और रेरा की अनुमति के बिना कॉलोनियां काटी जा रही हैं। ऐसे में केडीए की ओर से ऐसी कॉलोनियों का चिह्नीकरण किया गया है। अब इन कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

कोलोनाइजर्स ने इन कॉलोनियों में सड़क, पार्क समेत अन्य यूटिलिटी के लिए भूमि नहीं छोड़ी है। जबकि कॉलोनी विकसित करने के लिए 40 फीसदी भूमि पब्लिक यूटिलिटी के लिए छोड़नी होती है। ले-आउट भी पास नहीं करवाया गया है।

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