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कोटा में किसानों का गुस्सा फूटा, कृषि बिल की जलाई होली

भामाशाहमंडी में नहीं हुआ कारोबार

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कोटा में किसानों का गुस्सा फूटा, कृषि बिल की जलाई होली

कोटा में किसानों का गुस्सा फूटा, कृषि बिल की जलाई होली

कोटा. ऑल इंडिया किसान महापंचायत द्वारा कृषि विपणन अधिनियम के विरोध में देशव्यापी आंदोलन के समर्थन में कोटा की भामाशाहमंडी में भी सोमवार को व्यापारियों ने हड़ताल रखी। मंडी में खरीद-फरोख्त पूरी तरह ठप रही। वहीं अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले किसान संगठनों ने विरोध में कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर कृषि बिल की प्रतियां जलाई। कोटा ग्रेन एण्ड सीड्स मर्चेन्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश राठी ने बताया कि राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ के आह्वान पर सोमवार को प्रदेशभर की अनाज मंडियां बंद रही। भामाशाहमंडी में एक दिन में 10 से 12 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। मंडी में दिनभर सन्नाटा छाया रहा। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर पर कलक्ट्रेट पर खेती किसानी विरोधी तीनों विधायकों की प्रतियां जलाई गई। कार्यक्रम का नेतृत्व संभागीय संयोजक फतहचंद बागला, अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष दुलीचंद बोरदा, अखिल भारतीय किसान फेडरेशन के महेन्द्र नेह, किसान सर्वोदय मंडल के हमीद गौड़, किसान महापंचायत के जिला अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह आदि ने किया। कलक्ट्रेट के समक्ष आयोजित धरने को सम्बोधित करते हुए सभी वक्ताओं ने कहा की ये कानून खेती किसानी को बरबाद कर कॉरपोरेट्स का गुलाम बना देगी। प्रधानमंत्री कहते हैं कि समर्थन मूल्य प्रणाली को समाप्त नहीं किया जाएगा। इस पर किसान नेताओं ने कहा की पिछले दो वर्ष से समर्थन मूल्य पर अपनी बेचने का कानूनी अधिकार प्राप्त करने के लिए संसद में निजी विधेयक लम्बित है, लेकिन इस सरकार ने आज तक इसको कानून नहीं बनने दिया। नतीजतन मात्र छह प्रतिशत किसान ही अपना माल समर्थन मूल्य पर बेच पाते हैं। इसी संघर्ष की कड़ी में आगामी 25 सितम्बर को सभी किसान संगठनों ने मिलकर भारत बंद का आह्वान किया है। इसको देश के मजदूर व संगठनों का समर्थन मिल रहा है।