
कोटा .
जिला परिषद की सामान्य बैठक शनिवार को जिला प्रमुख सुरेन्द्र गोचर की अध्यक्षता में नयापुरा स्थित लाडपुरा पंचायत समिति के विकास हॉल में हुई। इसमें ताकली बांध के अटके काम को शुरू करने व बोराबास पेयजल योजना से मार्च तक गांवों में पानी पहुंचाने का मामला उठा।
जिला परिषद सदस्य डॉ. बद्री गोचर कहा कि ताकली बांध का काम अधिकारियों की लेटलतीफी के चलते शुरू नहीं हो पा रहा। 2008 में बांध का काम शुरू हुआ, लेकिन 2018 तक पूरा नहीं हुआ। 25 करोड़ की यह परियोजना अब 350 करोड़ की हो गई। 40 गांवों को सिंचाई का पानी नहीं मिल रहा। सात गांवों का पुर्नस्थापन नहीं हुआ। इस कारण गांवों में युवाओं की शादी नहीं हो पा रही। बिजली-पानी व अन्य मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही। दस साल बाद भी बांध का काम पूरा नहीं हुआ।
इस पर जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने 7 करोड़ 80 लाख का मुआवजा घोषित कर दिया, लेकिन कुछ ग्रामीण अतिरिक्त मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इस कारण काम शुरू नहीं हो रहा। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से सहयोग मांगा। इस पर खैराबाद प्रधान ने कहा कि हम सहयोग के लिए तैयार हैं, लेकिन एक किसान को 15 से 20 हजार मुआवजा दोंगे तो कौन लेगा। सहयोग के लिए हम आपके साथ जाएंगे तो उल्टा जनता हमें मारेगी।
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31 मार्च तक कैसे पहुंचेगा पानी
बैठक में सदस्य डॉ. बद्री गोचर ने कहा कि बोराबास पेयजल योजना का काम भी लेटलतीफी से चल रहा। 2004 में 31 करोड़ की पेयजल योजना 2018 तक 133 करोड़ की हो गई। बावजूद 80 गांवों व ढाणियों को पेयजल नहीं मिल रहा। कलक्टर ने एनएचएआई व पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को तय तिथि तक काम पूरा करने के निर्देश दिए।
पात्र को कर दिया अपात्र घोषित
सदस्य तुलसीराम ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र लोगों के सूची में नाम होने के बावजूद उन्हें अपात्र घोषित कर दिया। इस पर जिला परिषद के अधीशासी अभियंता लोकेश दाधीच ने बताया कि सूचियों को ग्राम सभा में अनुमोदित कराया गया। सरपंच व ग्राम सेवकों ने 150 लोगों के नाम हटा दिए। इस पर कलक्टर ने सीईओ को जांच करवाकर ग्राम सेवकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए।

Published on:
27 Jan 2018 09:33 pm
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