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थप्पड़कांड मामले में BJP नेता को 3 साल की सजा, ढाई साल पहले ऑफिस में जड़ा था चांटा; जानें पूरा मामला

Former BJP MLA Bhawani Singh Rajawat: ढाई साल पुराने कोटा के थप्पड़कांड मामले बीजेपी के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत को 3 साल की सजा हुई है।

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कोटा

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Nirmal Pareek

Dec 19, 2024

Former BJP MLA Bhavani Singh Rajawat

Kota Slapping Case: कोटा में 2022 के चर्चित थप्पड़कांड मामले में एससी/एसटी कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया। बीजेपी के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत और कार्यकर्ता महावीर सुमन को उप वन संरक्षक (DCF) रवि मीणा को थप्पड़ मारने के आरोप में 3-3 साल के साधारण कारावास और 30-30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। हालांकि, धारा-3 (SC/ST एक्ट) के तहत दोनों को बरी कर दिया गया।

कोर्ट ने आज सुनाया ये फैसला

एससी/एसटी कोर्ट ने राजावत और महावीर सुमन को राजकार्य में बाधा डालने और थप्पड़ मारने का दोषी माना। दोनों को धारा 332 के तहत 3 साल की सजा सुनाई गई और 30-30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। हालांकि, एससी/एसटी एक्ट की धारा-3 के तहत उन्हें बरी कर दिया गया।

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हाईकोर्ट में करेंगे अपील- राजावत

फैसले के बाद भवानी सिंह राजावत ने कहा कि मैंने केवल डीसीएफ के कंधे पर हाथ रखा था, थप्पड़ नहीं मारा। मुझे भरोसा है कि हाईकोर्ट से न्याय मिलेगा। उनके वकील पृथ्वीराज शेखावत ने बताया कि कोर्ट ने सजा सस्पेंशन एप्लिकेशन स्वीकार कर ली है। अब हाईकोर्ट में अपील के लिए एक महीने का समय दिया गया है।

क्या था थप्पड़कांड मामला?

बताते चलें कि यह मामला मार्च 2022 का है। तब कोटा में दाढ़ देवी माता मंदिर रोड पर यूआईटी के पैचवर्क को वन विभाग ने रुकवा दिया था। इस बात से नाराज होकर 31 मार्च 2022 को पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत अपने समर्थकों के साथ कोटा के राजभवन रोड स्थित वन विभाग के कार्यालय पहुंचे। वहां डीसीएफ रवि मीणा ने बातचीत का प्रयास किया, लेकिन आरोप है कि बातचीत के दौरान राजावत ने उन्हें थप्पड़ मार दिया।

इसके बाद डीसीएफ ने इस मामले में नयापुरा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। पुलिस ने राजावत और उनके समर्थकों पर धारा 332, 353, 34 और 3 (2)(va) एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। राजावत को 1 अप्रैल 2022 को गिरफ्तार कर लिया गया था और 10 दिन जेल में बिताने के बाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी।

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