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रेस्मा लागू होने के बाद भी नहीं टूटी हड़ताल

गिरफ्तारी के डर से भूमिगत हुआ पैरा मेडिकल स्टाफ, संविदाकर्मी भी समर्थन में आए, काली पट्टी बांधकर किया काम

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Laboratory Technician strike Not broken after the RESMA

रेस्मा लागू होने के बाद भी नहीं टूटी हड़ताल

कोटा. राज्य सरकार की ओर से रेस्मा लागू होने के बावजूद अखिल राजस्थान लेबोरेट्री टेक्नीशियन कर्मचारी संघ के कर्मचारियों की हड़ताल नहीं टूटी। संघ ने सरकार को ७२ घंटे का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन इसी बीच रेस्मा लागू होने पर गिरफ्तारी के डर से पैरा मेडिकल स्टाफ भूमिगत हो गया।

शनिवार को अल्टीमेटम पूरा होने के बाद रविवार को कर्मचारियों को ड्यूटी देनी थी, लेकिन कर्मचारी रेस्मा लागू करने व मांगें नहीं मानने से नाराज है। इस कारण संघ ने ७२ घंटे का और अल्टीमेटम दे दिया। उधर, रेस्मा एक्ट लागू करने के विरोध में एमबीएस हॉस्पिटल की सेन्ट्रल लैब में रविवार को संविदाकर्मी भी पैरा मेडिकल स्टाफ के समर्थन में उतर आए है। उन्होंने काली पट्टी बांधकर काम कर विरोध जताया।

लैब के बाहर लगी रही कतारें

उधर, रविवार को भी सेन्ट्रल लैब के बाहर मरीजों की जांचों के लिए कतारें रही। लैब टेक्नीशियन के सामूहिक अवकाश के चलते हॉस्पिटल प्रशासन ने वैकल्पिक तौर पर रेजीडेंट व लैब टेक्नीशियन लगा रखा है, लेकिन जांचों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस कारण कई जांचें मरीजों को समय पर नहीं मिल पा रही है।

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अब भूख हड़ताल
अखिल राजस्थान लेबोरेट्री टेक्नीशियन कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष आनंद सोनी ने बताया कि हमारी संवैधानिक मांगें हैं, जिन्हें सरकार को पूरा करना चाहिए। मांगों के समर्थन में अब लैब टेक्नीशियन भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इसके बाद प्रदेशभर के कर्मचारी अनिश्चकालीन सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे। उधर, मेडिकल कॉलेज लैब टेक्नीशियन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुरेश मेघवाल ने बताया कि सरकार मरीजों के बारे में नहीं सोच रही और वार्ता करने के बजाए दमनकारी नीति अपना रही है।


यह है मांगें

- ग्रेड पे 2800 सौ की जगह 4200 रुपए किए जाए।
- जोखिम भत्ता 1000 रुपए की जाए।

- 1250 रुपए नर्सिंग एलाउंस किया जाए।
- संविदाकर्मियों को नियमित किया जाए।