14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

7 ग्रहों के सयोंग में साल का आखिरी सूर्यग्रहण, मचेगी राजनीतिक उथल पुथल ,छाएंगे युद्ध और अशांति के बादल ,महंगाई होगी चरम पर

सूर्यग्रहण 8 बजे से शुरू होकर दोपहर 1:35 बजे तक समाप्त होगा।

2 min read
Google source verification

कोटा

image

Suraksha Rajora

Nov 30, 2019

@सुरक्षा राजोरा.

कोटा . साल का अंत सूर्यग्रहण से होगा। इस साल का तीसरा और आखिरी सूर्यग्रहण 26 दिसंबर को पौष कृष्ण पक्ष अमावस्या को होगा। लेकिन प्रदेश समेत कई राज्यों में यह सूर्यग्रहण खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा। केरल के उत्तरी, तमिलनाडु के मध्य और कनार्टक के दक्षिण के कुछ भागों में कंकण सूर्यग्रहण होगा।

सूर्यग्रहण को भारत में देखा जा सकेगा । भारत के अलावा यह सूर्य ग्रहण सऊदी अरब, कतर, सुमात्रा, मलेशिया, ओमान, सिंगापुर, नॉर्थन मरिना आईलैंड, श्रीलंका और ,उत्तर- पश्चिम ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में दिखाई देगा।

इसमें सूर्य अंगूठी की तरह दिखेगा। आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह अलग-अलग समयानुसार प्रात: 8 बजे से 12 बजे मध्य दिखाई देगा। ज्योतिषाचार्य अमित जैन के मुताबिक सूर्यग्रहण 8 बजे से शुरू होकर दोपहर 1:35 बजे तक समाप्त होगा। इसका मध्य काल 9.28 बजे होगा। यहां 61 प्रतिशत सूर्य बिंब काला दिखाई देगा। 25 दिसंबर रात आठ बजे सूतक लग जाएगा। जो ग्रहण की समाप्ति तक रहेगा।


धनु राशि में सप्त ग्रहों का सयोंग

ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया पंचागीय गणना के अनुसार पौषमास की अमावस्या पर गुरुवार, मूल नक्षत्र, वृद्धि योग, नागकरण की साक्षी में कंकण आकृति का सूर्य ग्रहण होगा। धनु राशि पर होने वाले ग्रहण में सात ग्रह मौजूद रहेंगे। व्यापरियों व विद्वान को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा ।

ईरान, ईराक, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और जहाँ ग्रहण दिखाए देगा वहाँ पर राजनीतिक उथल पुथल व प्राकतिक प्रकोप युद्ध के हालात बन सकते है। रुई, गेंहू, गुड़, शक्कर, तिल, तेल, सोना, व पीली वस्तुओं में तेजी हो सकती है।


राशि अनुसार फल

सूर्यग्रहण का असर कर्क, तुला, कुंभ व मीन के लिए ग्रहण श्रेष्ठ फलदायी है। मेष, मिथुन, सिंह तथा वृश्चिक के लिए मध्यम रहेगा। वृषभ, कन्या तथा मकर के लिए पूजनीय है। बताया जा रहा है कि ग्रहण धनु राशि में है, इसलिए इस राशि के जातकों को विशेष सावधानी की आवश्यकता है। इनके लिए ग्रहण के दौरान देव आराधना विशेष मानी गई है। ग्रहण के बाद दान पुण्य करना उत्तम रहेगा।