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शराब माफिया की सरपंच को धमकी-रानपुर से आगे आए तो समझो मर गए…

डोल्या ग्राम पंचायत में अवैध शराब दुकान का मामला, शराबबंदी की पहल पर दी जान से मारने की धमकी

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कोटा

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Deepak Sharma

Oct 24, 2017

शराबबंदी की पहल पर दी जान से मारने की धमकी

शराबबंदी की पहल पर दी जान से मारने की धमकी

कोटा . लाडपुरा ब्लॉक की डोल्या पंचायत में ग्रामीणों के सहयोग से शराबबंदी की पहल करने पर सरपंच नंदलाल मेघवाल को सोमवार को शराब माफिया ने जान से मारने की धमकी दे डाली। शराब माफिया ने उन्हें रानपुर से आगे आने पर 'देख लेनेÓ की दो टूक बात कही। साथ ही धमकाया कि दुबारा सरपंच नहीं बनना क्या। सरपंच के मोबाइल में संवाद रिकॉर्र्ड हो गया है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को इस मसले पर पुलिस एफआईआर कराई जाएगी।

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यह है मामला
डोल्या ग्राम पंचायत की ओर से 2 अक्टूबर को आयोजित ग्राम सभा में शराबबंदी का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद 3 अक्टूबर को कलक्टर को डोल्या पंचायत में शराब के ठेके बंद करने के लिए ज्ञापन दिया। तब पता चला वहां कोई ठेका स्वीकृत ही नहीं है। इसके बाद थानाधिकारी ने क्षेत्र का निरीक्षण किया। अब शराब की दुकानें बंद कराने की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में माफिया की ओर से धमकियां दी जा रही हैं।

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ऐसे हुआ संवाद
माफिया सरपंच से - 'आपके लिए यह बहुत हानिकारक होगा, दुबारा सरपंच नहीं बनना क्या। रानपुर से आगे आए तो समझो मर गए।'
सरपंच- मैं कौनसा पीता हूं जो मेरे लिए हानिकारक होगा।
माफिया - ये समय बताएगा कि आगे क्या होगा, हम ठेका चलाना चाहते हैं और आप सरकार से मना करा रहे हैं।
सरपंच- जनता पीना नहीं चाहती तो मैं जनता के साथ हूं।
माफिया- चुनाव करवा लो, जनता चाहती है कि नहीं। आप दो बार चुनाव लड़ लिए तो और सरपंच बन गए तो अपने को मुख्यमंत्री समझने लग गए क्या।
(इसके बाद सरपंच को फोन पर गालियां दी गई। सरपंच के मोबाइल सेट में पूरा संवाद रिकॉर्ड हो गया।)

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एफआईआर दर्ज कराएंगे
सोमवार को फोन करके मुझे रानपुर से आगे आने पर जाने से मारने की धमकी दी गई और गाली-गलौच की। मंगलवार को एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। धमकाने वाले शख्स ने पहले अपना नाम छीतर और बाद में अमरकुंआ निवासी भागचंद बताया और घर पर आकर मारने की धमकी दी।
नंदलाल मेघवाल, सरपंच डोल्या

यूं धमकाया शराब माफिया ने सरपंच नंदलाल मेघवाल को

माफिया-हां सरपंच साहब

मैं यूं कह रहा हूं 25 को कोई बस आएगी क्या डोलिया में

सरपंच- यह नम्बर किसके है कौन बोल रहे हो

माफिया-जी डोलिया से बोल रहा हूं

सरपंच-नाम बताओ आपका

माफिया-छीतर बोल रहा हूं

सरपंच-छीतर.. पिताजी का नाम

माफिया -मै तो यह पूछ रहा हूं 25 को बस आएगी क्या डोलिया गांव में

सरपंच-मेरे को पता नहीं है

माफिया -आप हमारे सरपंच साहब हैं

सरपंच-आपके नम्बर से मेरे को धमकियां मिल रही हैं भैया, मै तुमको कुछ नहीं बता सकता हूं

माफिया- भई हम पूछेंगे, क्यों नहीं पूछेंगे,

सरपंच -आप तो मेरे को इस नम्बर से धमकियां दे रहे हो

माफिया -क्या धमकियां दे रहे हैं आपको
सरपंच-आप तो कह रहे हो आपको सरपंच नहीं बनना है क्या, इधर नहीं आना है क्या

माफिया-यह धमकी आप स्वीकार कर लीजिए , हम निवेदन करते हैं आपको
सरपंच-तो, आप क्या समझते हो मैं डर जाऊंगा

माफिया-डरने वाली बात नहीं है, डराने में तो हम अच्छे-अच्छे को डरा देते हैं
सरपंच -हां

माफया-मै कह रहा हूं कुछ बसें आएंगी 25 को डोलिया में, समूह की महिलाओं को लेने के लिए
सरपंच-मेरे को पता नहीं है, मेरा समूह से क्या मतलब

माफिया-यह बात रिकॉर्ड हो रही है, इसलिए पूछ रहा हूं
सरपंच -मेरे को पता नहीं है भैया

माफिया -आप हमारे सरपंच साहब हैं
सरपंच-सरपंच क्या अंतरयामी थोड़ी होता है भैया, जो हर चीज याद हो, कोई आदेश आता है तब पता रहता है

माफिया -आप मुख्य आदमी हैं हमारे, इसलिए पूछ रहे हैं
सरपंच-मेरे को पता नहीं है भैया

माफिया-लो बात कर लो, दूसरे माफिया को मोबाइल थमा दिया
दूसरा माफिया-हैलो अरे कितनी बसें आएंगी 25 को डोलिया में

सरपंच -आप कौन बोल रहे है
माफिया-अरे जो बोल रहे हैं बोल रहे हैं

सरपंच-नाम बताओ ना फिर बताऊंगा
माफिया-तेरी.....अपशब्द, डोलिया आकर देखना अबकी बार, सुन मेरी बात,तेरी.....

सरपंच-नाम बता तेरा
माफिया-तेरे घर आऊं क्या, दफ्तर आऊं क्या

सरपंच-तेरे जैसे से बात नहीं करता हूं मैं
माफिया-घर पर आऊं क्या तेरे

सरपंच-मै भी रिकॉर्ड कर रहा हूं, सब पता लगा लूंगा कौन बोल रहा है तू

माफिया-घर पर आऊं क्या तेरे

सरपंच-वसुंधरा जी तक पहुंच है क्या तेरी

माफिया-जी हां सीएम तक पहुंच है
सरपंच-तो फिर वहां से आदेश लिया ना मेरे को फोन क्यों कर रहा है

माफिया-अगर 25 को कुछ हो गया ना तो ....
सरपंच-मेरा क्या करेगा तू

माफिया- वो तो मैं बताऊंगा तेरे को, तू अपने आप को एमएलए समझ रहा है क्या
सरपंच-अरे भैया मै तो इंसान हूं, इंसान पीएम बन जाए तो भी इंसान ही रहता है

माफिया- बेलदार है तू बेलदार ही रहेगा। औकात में बात कर
सरपंच-तू सिखाएगा मेरे को औकात

माफिया-तू डोलिया आकर देख

सरपंच -डोलिया तो मै चाहूंगा जब आ जाऊंगा
माफिया-आकर देख, जो ही तू रानपुर पार कर गया समझो मर गया बस

सरपंच -हां यही कहलाना था तुमसे भैया
माफिया-बहुत बड़ी भूल कर दी तेरे को सरपंच बनाकर

सरपंच -तुमने बनाया है क्या सरपंच, ऐसे लोग कभी किसी को वोट नहीं देते
माफिया-अब तू कुछ बनकर दिखाना मेरे को

सरपंच-सब समय बनाता है, परमात्मा बनाता है