
पर्यटन मानचित्र में शामिल हो सकते हैं प्रदेश के कई मंदिर
शिक्षा नगरी में चम्बल रिवरफ्रंट व मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व को पर्यटकों के लिए खोलने के बाद कोटा के लिए एक और अच्छी खबर है। प्रदेश में विभिन्न धार्मिक स्थलों को पर्यटन से जोड़ने के लिए पर्यटन सर्किट बनाए जाने की उम्मीद है। प्रदेशभर में पांच पर्यटन सर्किट बनाए जाएंगे।सूत्रों के अनुसार सरकार के विजन-2030 के बाद देवस्थान विभाग से इसके प्रस्ताव बनाकर भेजे हैं।
प्रस्तावों के तहत पांचवें पर्यटन सर्किल के रूप में शामिल मंदिरों में कोटा के खड़े गणेशजी का भी प्रस्ताव बनाकर भेजा है। इसके अलावा केशवरायपाटन में केशवरायजी का मंदिर, झालरापाटन का सूर्य मंदिर, चन्द्रभागा मंदिर व रामगंजमंडी के पंचमुखी हनुमान मंदिर को भी पर्यटन सर्किट में शामिल करने के प्रस्ताव सरकार को भेजे गए हैं। हालांकि मामले में उच्च स्तर पर विभाग के अधिकारियों ने कुछ भी कहने से इनकार किया है।
पहले पर्यटन सर्किट में शामिल से मंदिर
इसमें चारभुजा मंदिर गढबोर राजसमंद, द्वारकाधीश मंदिर कांकरोली, श्रीनाथजी मंदिर श्रीनाथद्वारा, जगदीश मंदिर उदयपुर, ऋषभदेव मंदिर ऋषभदेव, त्रिपुरा सुन्दरी मन्दिर बांसवाडा, सांवलियाजी मंदिर मंडफिया, चितौडगढ़ किले स्थित जैन मंदिर, जोगणिया माता मंदिर बस्सी-चितौडगढ़ को शामिल करने की योजना है।
दूसरा में ये धार्मिक स्थल
नाकोड़ा जैन तीर्थ मेवानगर बाड़मेर, बह्माजी मंदिर आसोतरा (बाड़मेर), राणी भटियाणी मंदिर जसोल (बाड़मेर), बाबा रामदेव मंदिर रामदेवरा जैसलमेर, समिधा माता मंदिर ओसिया (जोधपुर), काला गोरा भैरुजी मंदिर मंदोर (जोधपुर), सोमनाथ महादेव मंदिर पाली, नीलकंठ महादेव मंदिर सांडेराव (पाली), स्वर्ण मंदिर फालना, जैन मंदिर रणकपुर, आशापुरा माता मंदिर नाडोल शामिल किए जा सकते हैं।
इनसे बनेगा तीसरा पर्यटन सर्किट
करणी माता मंदिर देशनोक, लक्ष्मीनाथ मन्दिर, कपिल मुनि मन्दिर कोलायत बीकानेर, गोगाजी मंदिर गोगामेडी (हनुमानगढ़), इच्छापूर्ण बालाजी सरदाशहर (चूरू), सालासर बालाजी मंदिर (चूरू) सालासर, खाटूश्याम मंदिर (सीकर), जीणमाता मंदिर-गोरिया (सीकर)।
चौथा सर्किट में आएंगे ये मंदिर
मोती डूंगरी मन्दिर जयपुर, बिरला मन्दिर जयपुर, गोविन्द देव मन्दिर जयपुर, गलता हनुमानजी, मेहन्दीपुर बालाजी दौसा, कैलादेवी माता मंदिर करौली, मदन मोहनजी मंदिर करौली, महावीरजी जैन मन्दिर करौली, बांके बिहारी मंदिर, गंगा मंदिर लक्ष्मण मंदिर भरतपुर।
ये भी आए थे सुझाव
विजन-2030 के तहत बैठकाें में मंदिरों के विकास व पर्यटन से जोड़ने को लेकर विभिन्न सुझाव भी प्राप्त हुए थे। इनमें मंदिर के विकास के लिए मास्टर प्लान बनाने, मंदिरों की सुरक्षा व अतिक्रमण ये बचाने समेत अन्य सुझाव आए थे।
स्थानीय स्तर पर इस तरह के प्रस्ताव सम्बिन्धत जानकारी देखकर बता सकते हैं, फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।
- महेन्द्र देवतवाल, कार्यवाहक सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, कोटा
Published on:
12 Oct 2023 11:54 pm
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