7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मैरिज गार्डन का संचालन करना है तो पहले करें ये काम, नहीं तो सीज हो सकता है गार्डन

मैरिज गार्डन्स पर नगर निगम ने लिया बड़ा फैसला, कचरा निस्तारण प्लांट लगाने के लिए किया पाबंद।

2 min read
Google source verification

कोटा

image

ritu shrivastav

Dec 08, 2017

Marriage gardens, Municipal Kota, Corporate governance, Guidelines, Garbage disposal plant, Marriage garden operator, Trash trimmed, Garbage disposal, Meeting of revenue committee, Kota, Kota Patrika, Kota Patrika News, Rajasthan Patrika

मैरिज गार्डन

कोटा . शहर में चल रहे मैरिज गार्डनों के आसपास दिनभर कचरा फैला रहता है। ये कचरे का सही निस्तारण भी नहीं करते हैं और न नगर निगम कचरा उठा पाता है। लेकिन, अब निगम अब मैरिज गार्डन संचालकों से प्रति वर्ष लिए जाने वाले 12 हजार रुपए सफाई शुल्क नहीं वसूलेगा, बल्कि उन्हें ही कचरे का निस्तारण करने को पाबंद किया जाएगा।

Read More: बढ़ता जा रहा मुकुन्दरा में बाघों का इंतजार, अब नए साल में ही सुनाई देगी बाघों की दहाड़

नहीं लेंगे सफाई शुल्क, खुद करो निस्तारण

पिछले दिनों हुई राजस्व समिति की बैठक में यह निर्णय किया गया था, लेकिन निगम ने सफाई शुल्क के मुद्दे काे दबा दिया था। हाल में जारी की गई बैठक की प्रोसेडिंग में स्पष्ट लिखा गया है कि 'विवाह स्थलों के संचालकों से अब सफाई शुल्क नहीं लिया जाएगा बल्कि उनको ही स्वच्छता के बारे में निर्देशों की पालना करने के लिए पाबंद किया जाएगा।'

Read More: गर्माया मारपीट के बाद छात्र की मौत का मामला, स्कूल में परिजनों का हंगामा

यह थी परेशानी

निगम का कहना है कि शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में मैरिज गार्डन संचालित हैं। विवाह समारोह व अन्य आयोजनों पर कचरा उठाने के लिए निगम की ओर से गाड़ी भेजनी पड़ती है, लेकिन मैरिज गार्डनों की दूरी अधिक होने के कारण यह व्यावहारिक नहीं हो पा रहा है। नतीजा, मैरिज गार्डनों के आसपास कचरा फैला रहता था। इससे आसपास के लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ती थी। शहर में 300 से अधिक मैरिज गार्डन संचालित हैं। इनसे अभी 12 हजार रुपए शुल्क सालाना लिया जाता है

Read More: बुजुर्ग महिला के पर्स में था ये कीमती सामान, भनक लगते ही पर्स ले उड़ा चाेर

यह तैयार हो रही गाइडलाइन

प्लांट लगाकर कचरे का परिसर में ही निस्तारण करना होगा। कचरा मैरिज गार्डन से बाहर नहीं आना चाहिए। बाहर कचरा फैला मिला तो सीज करने की कार्रवाई। उप महापौरसुनीता व्यास ने बताया कि मैरिज गार्डनों से निगम कचरा नहीं उठा पाता था। इससे लोग को परेशानी भी होती थी। इसलिए सफाई शुल्क खत्म कर उन्हें कचरे का सुव्यवस्थित तरीके से निस्तारण के लिए पाबंद किया जाएगा। कचरा निस्तारण का प्लांट लगाने को कहेंगे।