
मैरिज गार्डन
कोटा . शहर में चल रहे मैरिज गार्डनों के आसपास दिनभर कचरा फैला रहता है। ये कचरे का सही निस्तारण भी नहीं करते हैं और न नगर निगम कचरा उठा पाता है। लेकिन, अब निगम अब मैरिज गार्डन संचालकों से प्रति वर्ष लिए जाने वाले 12 हजार रुपए सफाई शुल्क नहीं वसूलेगा, बल्कि उन्हें ही कचरे का निस्तारण करने को पाबंद किया जाएगा।
नहीं लेंगे सफाई शुल्क, खुद करो निस्तारण
पिछले दिनों हुई राजस्व समिति की बैठक में यह निर्णय किया गया था, लेकिन निगम ने सफाई शुल्क के मुद्दे काे दबा दिया था। हाल में जारी की गई बैठक की प्रोसेडिंग में स्पष्ट लिखा गया है कि 'विवाह स्थलों के संचालकों से अब सफाई शुल्क नहीं लिया जाएगा बल्कि उनको ही स्वच्छता के बारे में निर्देशों की पालना करने के लिए पाबंद किया जाएगा।'
यह थी परेशानी
निगम का कहना है कि शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में मैरिज गार्डन संचालित हैं। विवाह समारोह व अन्य आयोजनों पर कचरा उठाने के लिए निगम की ओर से गाड़ी भेजनी पड़ती है, लेकिन मैरिज गार्डनों की दूरी अधिक होने के कारण यह व्यावहारिक नहीं हो पा रहा है। नतीजा, मैरिज गार्डनों के आसपास कचरा फैला रहता था। इससे आसपास के लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ती थी। शहर में 300 से अधिक मैरिज गार्डन संचालित हैं। इनसे अभी 12 हजार रुपए शुल्क सालाना लिया जाता है
यह तैयार हो रही गाइडलाइन
प्लांट लगाकर कचरे का परिसर में ही निस्तारण करना होगा। कचरा मैरिज गार्डन से बाहर नहीं आना चाहिए। बाहर कचरा फैला मिला तो सीज करने की कार्रवाई। उप महापौरसुनीता व्यास ने बताया कि मैरिज गार्डनों से निगम कचरा नहीं उठा पाता था। इससे लोग को परेशानी भी होती थी। इसलिए सफाई शुल्क खत्म कर उन्हें कचरे का सुव्यवस्थित तरीके से निस्तारण के लिए पाबंद किया जाएगा। कचरा निस्तारण का प्लांट लगाने को कहेंगे।
Published on:
08 Dec 2017 01:37 pm
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