scriptबढ़ता जा रहा मुकुन्दरा में बाघों का इंतजार, अब नए साल में ही सुनाई देगी बाघों की दहाड़ | Tigers can come in the new year in Mukundra Hills | Patrika News

बढ़ता जा रहा मुकुन्दरा में बाघों का इंतजार, अब नए साल में ही सुनाई देगी बाघों की दहाड़

locationकोटाPublished: Dec 08, 2017 12:33:02 pm

Submitted by:

ritu shrivastav

मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में सड़क मार्ग से एक-एक कर आएंगे तीन बाघ, नए साल तक का करना पड़ सकता है इंतजार।

Tigers in  Mukundra Hills Tiger Reserve,  Mukundra Hills Tiger Reserve, Tigers Monitoring, Educated Youth, Forest Department Rajasthan, DGP and State Wildlife Board, Kota, Kota Patrika, Kota Patrika News, Rajasthan PatrikaRoads, Wildlife lovers, Enclosures, Sellers, National Green Tribunals, Wildlife departments, Wildlife conservators

बाघ

कोटा . मुकुन्दरा रिजर्व में बाघों को लाने की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन हो सकता है कि वन्यजीव प्रेमियों को मुकुन्दरा हिल्स में बाघों की सौगात नए साल में मिले। सूत्रों के अनुसार बाघों को लाने में कुछ देरी हो सकती है। जयपुर में गुरुवार को इसकी तैयारियों को लेकर हुई बैठक में तीन बाघों को लाने पर चर्चा हुई। इनमें दो बाघिन और एक बाघ लाया जाएगा, लेकिन इन्हें एक-एक कर छोड़ा जाएगा। यह बाघ सड़क मार्ग से लाए जाएंगे।
यह भी पढ़ें

पुरखों के घर में गूंजी दहाड़, उजड़े चमन में लौटी बहार रामगढ़ पहुंचा बाघ टी-91

दो विकल्प, कहीं भी छोड़े जा सकते हैं

शुरुआती दौर में बाघों को सेल्जर व सावनभादौ एनक्लॉजर में से किसी भी एक में छोड़ा जा सकता है। विभाग ने बाघों पर निगरानी के लिए सावनभादौ में करीब 25 हैक्टेयर व सेल्जर में 1 हैक्टेयर का एनक्लॉजर बनवाया है। सेल्जर क्षेत्र के एनक्लॉजर को अंतिम रूप दिया जा रहा है। वन्यजीव विभाग के मुख्य वन संरक्षक घनश्याम शर्मा ने बताया कि स्थानीय स्तर पर तैयारी है। बाघों को लाने के मामले में फिलहाल डेटलाइन फिक्स नहीं है। इसी माह के अंतिम सप्ताह या जनवरी के पहले सप्ताह तक बाघों को लाया जा सकता है। तीन बाघों को एक-एक कर लाया जाएगा।
यह भी पढ़ें

गर्माया मारपीट के बाद छात्र की मौत का मामला, स्कूल में परिजनों का हंगामा

धीमा हुआ दीवार निर्माण कार्य

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की ओर से बजरी खनन पर लगाए गए प्रतिबंध का असर मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व पर भी नजर आ रहा है। रिजर्व में पिछले दिनों से चल रहा दीवार निर्माण कार्य धीमा हो गया है। एक ओर इसी माह टाइगर रिजर्व में बाघों को लाकर बसाने की योजना है और विभाग तैयारियों में जुटा हुआ है, वहीं दूसरी ओर बजरी नहीं होने से दीवार निर्माण थम गया है। मुकुन्दरा में अलग-अलग जगह दीवार बनाने का कार्य किया जा रहा है। अमजार से घाटी माता तक करीब 5 किलोमीटर समेत अन्य इलाकों में दीवार बनाई जानी है। इसकी अधिकतर क्षेत्र में नींव खुद गई है।
यह भी पढ़ें

अभयारण्य से निकल कर बाघ पहुंचा जंगल में, चार दिन बाद कैमरे में ट्रेप

इससे चला रहे काम

सूत्रों के अनुसार विभाग को अब मैन्यू फैक्चरिंग सेण्ड (क्रेशर निर्मित रेत) मंगवाकर काम निकालना पड़ रहा है। इस तरह की रेत कोटा में कम ही तैयार होती है। इस स्थिति में जितनी रेत मिल रही है, उतना ही कार्य हो रहा है। एक दिन में 3 डम्पर रेत मिल रही है। कई जगहों पर बिना रेत वाले कार्य को प्राथमिकता से निपटाया जा रहा है। मुकुन्दरा हिल्स एवं टागइर रिजर्व के सहायक वन संरक्षक जोधराजसिंह हाड़ा ने बताया कि हमारी तरफ से कार्य में कोई देरी नहीं है। टाइगर रिजर्व को देखते हुए अधिकारियों के प्रयास से मैन्यू फैक्चरिंग सेण्ड से कार्य चल रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो