
कोटा. युवाओं में हृदय रोग बढऩे की सबसे बड़ी वजह है उनका मानसिक तनाव व खान पान में लापरवाही।
कोटा . युवाओं में हृदय रोग बढऩे की सबसे बड़ी वजह उनकी नौकरियों का टारगेट आधारित होना है। उन्हें अपना टारगेट समय पर पूरा करने के कारण हमेशा स्टे्रस बना रहता है। वे अपनी सेहत को किनारे रखकर नौकरी के लिए अत्यधिक तनाव ले रहे है, जो उन्हें हृदय रोग से पीडि़त कर रहा है। यह कहना है हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. साकेत गोयल व डॉ. अतुल राठौर का।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी अब यह बता चुका है कि 2020 तक भारत में मौत और विकलांगता का सबसे बड़ा कारण हृदय रोग होगा। खानपान में लापरवाही और व्यायाम की कमी भारत में रोग का प्रमुख कारण है। 50 साल की आयु के बाद कम से कम एक बार हृदय की पूर्ण जांच अवश्य करा लेनी चाहिए, ताकि बीमारी का समय रहते पता चल सके।
डॉ. सिद्धार्थ सेठी ने बताया कि तनाव दिल का सबसे बड़ा दुश्मन है। दिल को दुरुस्त रखने के लिए तनाव दूर भगाएं। तनाव से बचने के लिए संगीत बेहतर विकल्प है। स्वस्थ जीवन शैली नियमित व्यायाम करें। फास्ट फूड से दूर रहे और तली चीजों का प्रयोग कम करें। इस मौके पर डॉ. ललित मलिक व डॉ. प्रमोद नागर भी मौजूद रहे।
डायबिटीज के मरीज के दिल को खतरा ज्यादा
इन दिनों डायबिटीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह चिंता का विषय है। डायबिटिज में मरीज हाई रिस्क होता है। उसके लिए हार्ट का खतरा ज्यादा खतरनाक होता है। शुगर कंट्रोल होनी चाहिए। यह कहना है कॉडियोलॉजिस्ट डॉ. दिनेश बिंदल का।
बिंदल ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि भारत में हृदयघात के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। 40 वर्ष की उम्र से ज्यादा व्यक्तियों में 10 से 12 प्रतिशत मामले बढ़े है। हृदयघात को रोकने के लिए अपनी जीवनशैली में परिवर्तन लाना होगा। जंक फूड जैसे खानपान में बदलाव लाना होगा।
Updated on:
29 Sept 2017 06:27 pm
Published on:
29 Sept 2017 06:24 pm
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