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दूध और अंडे की शौकीन है राजस्थान की ये बाघिन, मंगलवार को रखती है हनुमान जी का व्रत

राजस्थान में एक ऐसी बाघिन भी है जो हर मंगलवार हनुमान जी का व्रत रखती है। यकीन न आए तो चले आइए कोटा के चिड़ियाघर और मिल लीजिए महक से।

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Milk and eggs are fond of Rajasthans tigress mahak

आपने मंगलवार को हनुमान जी का व्रत रखते हुए तो तमाम इंसान देखे होंगे, लेकिन कभी किसी बाघिन को व्रत रखते हुए नहीं देखा होगा। यह कोई कपोल कल्पना नहीं है, बल्कि हकीकत है। राजस्थान के कोटा में शाही चिड़ियाघर की इकलौती बाघिन महक हर मंगलवार को व्रत रखती है। इस दिन मांस मछली खाना तो दूर वो कुछ भी नहीं खाती। पूरे दिन भूखे रहने के बाद शाम को महज दूध का फलाहार करती है।

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दूध और अंडे की है शौकीन

मंगलवार को व्रत रखने वाली कोटा चिड़ियाघर की बाघिन दूध और अंडे की शौकीन है। सर्दियां शुरू होते ही उसे जब तक दूध और अंडा न मिले चैन नहीं पड़ता। यूं तो वह रोजाना 50 किलो से ज्यादा मीट चट कर जाती है, लेकिन रात में गुड़ के साथ दूध पीना नहीं भूलती। वन्यजीव विभाग के चिकित्सक अखिलेश पांडेय के अनुसार बाघिन महक के साथ-साथ चिड़ियाघर के जरख व अन्य मांसाहारी वन्यजीवों को भी सर्दियों में नियमित भोजन के साथ अण्डे व दूध दिए जा रहे हैं।

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गुड़ और अजवाइन की हो रही पार्टी

सर्दी में सेहत के लिहाज से इंसान मौसम के अनुकूल खान-पान शुरू कर देता है, ताकि सर्द हवा का असर शरीर पर कम पड़े। इधर, चिडि़याघर में भी वन्यजीवों को सर्दी से बचाने के लिए नियमित दावत के साथ अलग से खास चीजें मिलाकर दी जा रही हैं। शाकाहारी व मांसाहारी दोनों तरह के वन्यजीवों को सर्दी से राहत के लिए अलग-अलग खाना दिया जा रहा है। शाकाहारी वन्यजीव नियमित भोजन के साथ-साथ पूरी सर्दियां गुड़ और अजवाइन की पार्टी करते हैं।

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पिंजरों में लगाए हीटर

डॉ. पांडेय के अनुसार चिड़ियाघर के वन्यजीवों की बदली हुई डाइट में पाए जाने वाले तत्व सर्दी से राहत देने के साथ पाचन तंत्र को सही रखने व प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करते हैं। शाकाहारी वन्यजीवों के लिए गाजर, मूली व अन्य मौसमी वस्तुएं दी जा रही हैं। सर्दी से राहत के लिए चिडि़याघर के पिंजरों में हीटर भी लगाए गए हैं। ज्यादा सर्दी पडऩे पर पिंजरों में परदे भी लगाए जाएंगे।

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रास्ता बदलने की कवायद

वन्यजीव विभाग चिडि़याघर का प्रवेश द्वार बदलने की तैयारी में है। वर्तमान में यह नर्सरी रोड पर खुलता है। इसमें लोगों की आवाजाही कम है। लोगों को पूछकर व घूमकर प्रवेश द्वार तक आना पड़ता है। विभाग अब इस दरवाजे को बदलने की कवायद कर रहा है। सहायक वन संरक्षक राजेश शर्मा के अनुसार चिडि़याघर के प्रवेश द्वार को कार्यालय के मुख्य द्वार की ओर खोला जाएगा। दर्शकों को घूमने के लिए पाथ-वे भी बनाया जाएगा, वहीं खाली जगह व बाड़ों में पेड़ लगाए जाएंगे।