
Adulteration In Sweets: अभियान चलेगा तो धड़ाधड़ कार्रवाई, नहीं तो गिनती के सैम्पल
कोटा. आखिर वही हुआ जिसका डर था। हर साल की तरह त्योहारी सीजन में सरकार ने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया। बाजारों में हजारों किलो मिठाई बनी और बिकी। लोगों ने शुद्ध समझकर खरीदी और खाई भी। त्योहारी सीजन खत्म होने के बाद अब चिकित्सा विभाग की लैब से शुद्ध के लिए युद्ध के लिए नमूनों की जांच की रिपोर्ट निकली है। हालांकि अभी आधे से कुछ ज्यादा ही नमूनों की जांच हुई है, लेकिन 25 फीसदी नमूने फेल मिले हैं। यानी त्योहारों पर लोगों ने मिलावटी मिठाई खरीदी और खाई।
राज्य सरकार के निर्देश पर चिकित्सा एवं खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमों ने 26 अक्टूबर से 14 नवम्बर तक शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया गया था। टीमों ने बाजार से 71 नमूने लिए। इन्हें प्रयोगशाला भेजा गया। वहां से 43 नमूनों में से 13 नमूनों में मिलावट पाई गई। शेष 28 नमूनों की रिपोर्ट आना शेष है।
खाने के बाद आई रिपोर्ट
टीमों ने खाद पदार्थों में पनीर, मूंगफली तेल, कच्ची घाणी सरसों तेल, अलसी तेल, गुलाब जामुन, कलाकंद, मलाई, मिल्क केक, काजू कतली, मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर आदि के नमूने लिए थे। इनमें से रसमलाई, सोहन पपड़ी, पनीर, मावा, दूध-दही के नमूने फेल हो गए। बड़ी बात यह है कि रिपोर्ट तब आई है जब खराब खाद्य पदार्थ लोग खा भी चुके है।
यहां से ये सेम्पल फेल
सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर ने बताया कि टीमों ने झालावाड़ रोड स्थित वॉल मार्ट इंडिया प्रा. लि. से घी, सोहन पपड़ी, पनीर, गुमानपुरा में जोधपुर स्वीट्स से रसमलाई, रानपुर शिव हेल्थ फूड एलएलपी से घी, दही टोण्ड दूध से निर्मित, दिव्या एग्रो फूड्स प्रा. लि. से पाश्चुराइज्ड स्टेण्डर्ड दूध, पाश्चुराइज्ड फूलक्रीम दूध, देवनारायण दूध डेयरी नयापुरा, गुमानपुरा में 5 मावा के सेम्पल अवमानक व मिथ्याछाप पाए गए।
इनका यह कहना
अवमानक पाए गए खाद्य नमूनों के विक्रेताओं के खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम 2006 के तहत नोटिस जारी कर दिए गए हैं। शीघ्र ही अनुसंधान पूर्ण कर दोषी खाद्य कारोबार करने वालों के विरुद्ध चालान पेश किया जाएगा।
- डॉ. बीएस तंवर, सीएमएचओ
Published on:
08 Dec 2020 01:05 pm
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