7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मॉॅक ड्रिल: आखिर क्या खामी रह गई गैस रिसाव के इस पूर्वभ्यास में

अभ्यास के दौरान पुलिस अधिकारियों ने ग्रामवासियों को गैस रिसाव होने की जानकारी दी। प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस महकमे, सिविल डिफेंस व चिकित्सा विभाग हरकत में आया।

2 min read
Google source verification
kota

रावतभाटा के थमलाव कस्बे में मॉक ड्रिल के दौरान ग्रामीणों को गैस रिसाव की जानकारी देते कर्मचारी।

कोटा.

देशभर के प्रतिष्ठित परमाणु बिजलीघरों और भारी पानी के संयंत्रों में शामिल प्लांटों को अपने सीने पर संचालित करने के चलते अणु नगरी के नाम से विख्यात कोटा जिले के समीपवर्ती रावतभाटा नगर सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। यहां इस की व्यवस्थाएं चाक चौबन्द रहे यह समय समय पर जांचना भी जरूरी है। लिहाजा, क्षेत्र के समीपवर्ती थमलाव गांव में बुधवार सुबह करीब 10.50 बजे भारी पानी संयंत्र प्रशासन की ओर से हाइड्रोजन सल्फाइड गैस के रिसाव (काल्पनिक) की 'बाह्यआपात स्थितिÓ का पूर्वाभ्यास किया गया। अभ्यास के दौरान प्रभावित क्षेत्र में पुलिस अधिकारियों ने ग्रामवासियों को गैस रिसाव होने की जानकारी दी। प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस महकमे, सिविल डिफेंस व चिकित्सा विभाग हरकत में आया और सुरक्षा उपायों को लेकर चहलकदमी शुरू हुई। लेकिन, 40 मिनट के इस कठोर अभ्यास के दौरान ही अफसरों को कुछ नाजुक कमियां भी महसूस हुई जिन्हें उन्होंने बाद में साझा किया।
क्या-क्या हुआ
इस मॉक ड्रिल के दौरान पर्यावरण सर्वेक्षण प्रयोगशाला के अधिकारियों द्वारा हवा एवं पानी के नमूने लेकर उनकी जांच की गई। सिविल डिफेंस रावतभाटा व कोटा के स्वयंसेवी सदस्यों ने सतर्कता दिखाते हुए ग्रामीणों को एहतियातन घरों में प्रवेश करने और गैस से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी। मौके पर मौजूद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व राजस्थान परमाणु बिजलीघर चिकित्सात्सालय के कार्मिकों ने लोगों को गैस के सम्पर्क में आने पर उपचार प्रक्रिया से अवगत करवाया। पर्यावरण सर्वेक्षण प्रयोगशाला स्थित ऑफ साइट इमरजेंसी कंट्रोल सेंटर में ऑफ साइट इमरजेंसी रेस्पोंस कॉर्डिनेशन कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर कोटा वासुदेव मालावत तथा उप जिला कलक्टर रावतभाटा रामसुख गुर्जर समेत कई प्रशासमिक अधिकारी व पुलिस जाब्ता मौजूद रहा। करीब साढ़े 11 बजे आपात स्थिति अभ्यास का समापन हुआ।
पूर्वाभ्यास के दौरान कोटा से मुख्य डिविजनल वार्डन शिवदान सिंह मारु, रावतभाटा सिविल डिफेंस उप नियंत्रक जय सिंह चुण्डावत, पुलिस उपाधीक्षक रामेश्वर प्रसाद दारिया, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डा जीजे परमार समेत सिविल डिफेंस के दो दर्जन से ज्यादा स्वयं सेवक व अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

समीक्षा: जो महसूस हुआ, सुझाव दिया
पूर्वाभ्यास के बाद भारी पानी कॉलोनी स्थित अतिथि गृह में समीक्षा बैठक हुई। बैठक में उप महाप्रबंधक एम यासीन ने कहा कि इस प्रकार के अभ्यास से सही मूल्यांकन हो पाता है। उत्पादन प्रबंधक एलसी लोढ़ा ने बाह्य आपात स्थिति अभ्यास के बारे में जानकारी दी। उप अनुरक्षण प्रबंधक हरीश शर्मा तथा पर्यवेक्षकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में किए गए परीक्षणों के बारे में जानकारी दी। कार्यवाहक अध्यक्ष एवं एडीएम कोटा ने आपात स्थिति में सहयोग लेने के लिए क्षेत्र में कुछ व्यक्तियों चिन्हित करने की बात कही। कहा कि किसी भी प्रकार का कम्युनिकेशन गेप नहीं होना चाहिए। संयंत्र स्थल में मीडिया को आपात स्थिति की सूचना भेजने के लिए एक कार्मिक को अधिकृत किया जाना चाहिए। बाह्य आपातकाल प्रभावित क्षेत्र में यातायात नियंत्रण आने-जाने वाले रास्तों को पूर्व में चिन्हित करके किया जाना चाहिए।
एसडीएम ने यूं दिखाया आइना
उप जिला कलक्टर रामसुख गुर्जर ने बिना किसी पूर्व सूचना के 'बाह्य आपात स्थितिÓ का अभ्यास करवाने की बात कही। उन्होंने कहा कि साथ ही आपात स्थिति में प्लांट में वैकल्पिक व्यक्ति की उपस्थिति एवं जिम्मेदारी भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। भारी पानी संयंत्र मुख्य महाप्रबंधक आरके गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए सुझावों को पूर्ण करने की बात कही। संचालन वैज्ञानिक अधिकारी प्रिया पटौदी ने किया।