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सांसद बिरला दहाड़े ! बोले, किसानों के हितैषी बनने वाले भरत सिंह, धारीवाल कहां गए …

नियमों की फेर में फंसे किसान

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कोटा

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Suraksha Rajora

Mar 15, 2019

कोटा. प्रदेश में सबसे पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद शुक्रवार को कोटा संभाग में हुई, लेकिन खरीद के जटिल नियमों के कारण पहले दिन एक भी किसान सरकारी केन्द्र पर सरसों बेचने नहीं आए। खरीद की सीमा तय करने के कारण किसान मंडी में औने-पौने दामों पर सरसों बेचने को विवश है। समर्थन मूल्य पर सरकार ने 4200 रुपए प्रति क्ंिवटल दाम तय कर रखे हैं, लेकिन नियमों के कारण किसान मंडी में 3200 से 3600 रुपए प्रति क्विंटल के दामों में बेचने को विवश है।

 


शुक्रवार को सांसद ओम बिरला ने खरीद केन्द्र का दौरार किया और उन्होंने किसानों की पीड़ा जानी। किसानों का कहना है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया है, इस कारण वह खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पा रहे है। होली पर शादी समारोह के कारण रुपयों की जरूरत है, इसलिए मंडी में सस्ते दामों पर सरसों बेच रहे हैं। बिरला ने कहा कि सरकार यदि नियमों का सरलीकरण नहीं करेंग तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि हजारी सरकार के समय खरीद की सीमा 40 क्विंटल थी, जिसे कांग्रेस सरकार ने घटाकर 25 क्विंटल कर दी है।

 

केवल 32 हजार किसानों का रजिस्टे्रशन
सहकारिता विभाग ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया है। हाड़ौती में केवल 32 हजार किसान ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों बेच सकेंगे। साढ़े चार लाख किसान रजिस्ट्रेशन के लिए कतार में हैं। लोकसभा चुनाव में सरसों की खरीद कानूनी फिजा बिगाड़ सकती है। सरसों की सम्पूर्ण खरीद को लेकर किसानों ने आंदोलन का अल्टीमेटम दे दिया है।

 

ताले में बंद कर देंगे अधिकारियों को
पूर्व विधायक भवानीसिंह राजावत ने भी देापहर करीब एक बजे भामाशाहमंडी खरीद केन्द्र का जायजा लिया और यहां खरीद नहीं होने पर अधिकारियों को खरी-खरी सुनाते हुए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है । उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का सम्पूर्ण गेहूं,चना और सरसों की खरीद करें तो नहीं आंदेालन करेंगे। मंडी में ही धरना देंगे। अधिकारियों को ताले में बंद कर देंगे।


खरीद में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे

सांसद ओम बिरला ने कहा कि सरसों और चने की खरीद में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार ने खरीद के केन्द्र बहुत कम खोले हैं। अत: किसानों की सुविधा के लिए तत्काल कांटे बढ़ाए जाने चाहिए। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बंद करने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि खरीद शुरू होने से पहले ही रजिस्ट्रेशन बंद करना अनुचित है। सभी किसानों का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था भी लागू की जाएगी। खरीद की सीमा 40 क्विंटल की जाए।