
कोटा .
मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग ने गांधी सागर से चम्बल नदी में जल प्रवाह बंद कर अपने क्षेत्र किसानों के पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली। क्योंकि गांधी सागर बांध से जल प्रवाह बंद होने के बाद कोटा बैराज से भी पानी बंद कर दिया गया। ऐसे में दाईं मुख्य नहर का जल प्रवाह बंद हो गया। पार्वती एक्वाडक्ट पर मात्र 500 क्यूसेक पानी ही पहुंच पाया। गांधी सागर से 22000 क्यूसेक पानी छोड़ा इससे कोटा बैराज व राणा प्रताप सागर का जलस्तर बढ़ा। 12 घंटे नहर में जल प्रवाह बंद रहने के बाद दुबारा से नहर में पानी छोड़ा गया। जिसका असर एक सप्ताह तक रहेगा। ऐसे में मध्यप्रदेश के किसानों का पलेवे के लिए एक सप्ताह की और देरी हो गई।
हाड़ौती में रहेगा कम असर
सीएडी सूत्रों ने बताया कि 12 घंटे नहर बंद होने से जिन वितरिकाओं, सहायक वितरिकाओं, माइनरों से खेतों में पानी जा रहा था। उनका फ्लो टूट गया। पानी बंद होने से टेल क्षेत्र की ओर दौड़ रहे पानी की रफ्तार थम गई। ऐसे मे अब दुबारा से नहर को भरने और उसी रफ्तार में पानी को बहने में एक सप्ताह का समय लग जाएगा। हाड़ौती में तो करीब तीन चार दिन में जल प्रवाह उसी रफ्तार में हो जाएगा। लेकिन मध्यप्रदेश सीमा में जल प्रवाह को रफ्तार बनाने में करीब एक सप्ताह लग जाएगा।
पूर्ण क्षमता से नहरों में जल प्रवाहित
कोटा बैराज का जल स्तर नियंत्रित होने के बाद सीएडी प्रशासन ने दोनों नहरों में पूर्ण क्षमता से जल प्रवाहित कर दिया है। बुधवार शाम पांच बजे दाईं मुख्य नहर में 6000 क्यूसेक व बाईं मुख्य नहर में 1500 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया जा रहा है।

Published on:
15 Nov 2017 09:40 pm
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