
कोटा. बाघों की बसावट की तैयारियों के तहत शुक्रवार को मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व के कार्यालय में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने बैठक ली।
कोटा. बाघों की बसावट की तैयारियों के तहत शुक्रवार को मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व के रावतभाटा रोड स्थित कार्यालय में जयपुर से आए मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जी.वी. रेड्डी ने वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत लोगों की बैठक ली। इसमें स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों व पर्यावरण प्रेमियों ने सुझाव दिए।
बैठक में अतिक्रमण, वन क्षेत्र की क्षतिग्रस्त दीवार, वन विभाग की अनदेखी, स्वयंसेवी संस्थाओं व ग्रामीणों से तालमेल व विस्थापित किए जाने वाले ग्रामीणों को बेहतर पैकेज देने पर चर्चा हुई।
ग्रामीणों को खुश रखते हुए करें विस्थापन
पूर्व मंत्री भरत सिंह ने कहा कि सरकार ग्रामीणों को खुश रखते हुए मुकुन्दरा के गांवों का विस्थापन करे। यहां रणथम्भौर व सरिस्का जैसे हालात पैदा नहीं होने चाहिए। शहर के आस-पास वन विभाग की काफी जमीन है, जहां अतिक्रमण हैं। विभाग इसे खाली भी नहीं करवा पा रहा। इस जमीन पर ग्रामीणों को बसाए। उन्होंने कहा कि यहां बाघों को बसाने के प्रति सरकार व विभाग गंभीर है, यह अच्छी बात है। इसका प्रभाव दिख रहा है, लेकिन आगे भी यह गंभीरता बनी रहे।
ये आए सुझाव
- डोल्या सरपंच नंदलाल मेघवाल ने ग्रामीणों की सुविधाओं को ध्यान में रखने की बात कही।
- संस्था के प्रतिनिधि कृष्णेन्द्र सिंह नामा ने ग्रामीणों से तालमेल बिठाने को कहा।
- पर्यावरण प्रेमी तपेश्वरसिंह भाटी ने वन भूमि पर अतिक्रमण, विभाग की अनदेखी व अन्य बिन्दुओं को उठाया। उन्होंने कहा कि वन विभाग स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधियों को भी साथ लेकर चले।
- इसके अलावा पानी, सड़क हादसों में वन्यजीवों की मौत, रेलवे ट्रेक, एलीवेटेट रोड, अण्डर ग्राउण्ड पास, क्षेत्र से गोबर बीनने, कटाई, चराई व अन्य बिन्दुओं को लेकर सुझाव आए।
ट्रेक के दोनों ओर बनेगी 8 फीट ऊंची दीवार
वन क्षेत्र से गोबर बीनकर ले जाने की बात पर रेड्डी ने कहा कि ग्रामीण गोबर ले जाते हैं तो कोई बात नहीं, लेकिन इसका व्यावसायिक उपयोग नहीं करें। कोई वाहन में भरकर ले जाता है तो उसके खिलाफ विभाग कार्रवाई करे। रोड व रेलवे टे्रक से बाघ की सुरक्षा को लेकर एलीवेटेट रोड व ओवरब्रिज को लेकर उन्होंने कहा कि ये लम्बे प्रोसेस हैं। इनमें खर्च भी 80 से 100 करोड़ का आएगा। बाघ हमें जल्द लाने हैं, एेसे में फिलहाल ट्रेक के दोनों और क्रॉसिंग पाइंट पर 8-8 फीट ऊंची दीवार बनाई जाएगी, एंगल लगवाए जाएंगे, ताकि ब्रोकन टेल जैसे हादसे न हों।
ग्रामीणों के पैकेज को लेकर उन्होंने कहा कि यह एक पॉलिसी के तहत होगा, इसमें सभी का ध्यान रखा जाएगा। टूटी दीवार को लेकर उन्होंने वन अधिकारियों से कहा कि वे एनएचएआई से बात करें, जो दीवारों को क्षति पहुंचा रहा है, उसके खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि सभी सुझावों की स्टडी कर कमियों को दूर करेंगे। इस दौरान मुख्य वन संरक्षक घनश्याम शर्मा, उपवन संरक्षक एस.आर. यादव, सहायक वन संरक्षक जोधराज सिंह हाड़ा, पूर्व वन अधिकारी वी.के. सालवान, डॉ. सुधीर गुप्ता व विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
Published on:
08 Sept 2017 08:29 pm
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