दुकानदारों ने बताया कि चार-पांच दिन पहले निगम की ओर से दुकानों पर गीला और सूखा कचरा डालने के लिए दो-दो डस्टबिन रख दिए गए। व्यापारियों ने डस्टबिन का उपयोग भी शुरू कर दिया, लेकिन सोमवार दोपहर बाद एक टैम्पो आया और दुकानों से डस्टबिन एकत्र कर ले गया। कांग्रेस कार्यकर्ता दुष्यंत सिंह ने इस बारे में निगम के अधिकारियों से पूछा तो कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया। इससे दुकानदार खफा हो गए और निगम प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।
निगम के कर्मचारियों ने बताया कि तीन तरह के डस्टबिन हैं। ये 100, 200 और 300 रुपए जमा करवाने पर ही दिए जाएंगे। स्वच्छता सर्वेक्षण पूरा होने के बाद निगम वापस डस्टबिन ले गया। उधर, क्षेत्रीय पार्षद नरेन्द्र हाड़ा का कहना है कि डस्टबिन बांटने और वापस ले जाने की जानकारी नहीं है।
नदी पार इलाके में कोचिंग क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने में क्षेत्र की हॉस्टल एसोसिएशन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शहर की अन्य व्यापारिक, सामाजिक संस्थाओं को भी क्षेत्र की साफ-सफाई में भागीदारी निभानी चाहिए। यह बात कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कही। वे चम्बल हॉस्टल एसोसिएशन के समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। संस्था की ओर से यह समारोह स्वच्छता अभियान की सफ लता व होली मिलन समारोह के रूप में आयोजित किया गया। कोचिंग संस्थान के निदेशक राजेश माहेश्वरी ने कहा कि हॉस्टल संचालक क्षेत्र में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन ने कहा कि शहर में स्वच्छता के प्रति जागृति आई है। एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा, महासचिव मनीष समदानी का अतिथियों ने अभिनंदन किया। इस दौरान बिल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक राजवंशी भी उपस्थित रहे।