
कचरा संग्रहण के हाथ ठेले
कोटा . स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर निगम की ओर से वार्ड 50 के क्षेत्र में घर-घर से कचरा संग्रहण के लिए मंगलवार को विशेष डिजाइन के निर्मित 6 हाथ ठेले डेरे वालों को प्रदान किए गए। सुभाष सर्किल के पास इन सभी 6 डेरे वालों को मालाएं पहनाने के बाद हाथ ठेले प्रदान कर स्थानीय पार्षद देवेन्द्र चौधरी ने रवाना किया। वार्ड 50 के क्षेत्र में 4 हूपर वाहनों द्वारा भी घर-घर कचरा संग्रहण किया जा रहा है। स्वास्थ्य अधिकारी सतीश मीना ने बताया कि मंगलवार को प्रारम्भ किए गए हाथ ठेलों में सूखा व गीला कचरा रखने के लिए नीले व हरे रंग के अलग-अलग 2 बॉक्स बने हुए हैं। इससे सूखा व गीला कचरा व्यवस्थित रूप से अलग-अलग एकत्र किया जा सकेगा।
ढकान नहीं, दुर्गन्ध होगी
घर-घर कचरा संग्रहण के वास्ते ये हाथ ठेले दे तो दिए गए हैं, लेकिन कचरा ढकान के लिए इनमें कवर नहीं बनाए गए हैं। इनमें कचरा संग्रह करके घूमने से वातावरण में दुर्गंध फैलेगी। वायु संक्रमण का खतरा भी बढ़ेगा। लोगों का कहना है कि कचरा कैसे भी संग्रह किया जाए, इसके परिवहन के वक्त ढकान की व्यवस्था तो होनी ही चाहिए। ताकि जिस भी रास्ते से ठेला गुजरे वहां के लाेगों को कोई परेशानी न हो, और ठेला चलाने वाले चालक भी स्वास्थ्य रहे।
धूल फांक रहे तैयार साइकिल रिक्शे
करीब डेढ़ साल पहले तत्कालीन आयुक्त ने 40 लाख के एसएलआरएम प्रोजेक्ट के तहत घर-घर कचरा संग्रहण की योजना शुरू की थी। इसके तहत गीला और सूखा कचरा एकत्र करने के लिए विधायक कोष से राशि लेकर विशेष तरह के आधा दर्जन साइकिल रिक्शे तैयार करवाए गए थे। करीब 40 हजार कीमत के ये ये रिक्शे कवर्ड थे और गीला और इनमें सूखा कचरा एकत्र करने के लिए अलग-अलग बॉक्स बने हुए थे। आज भी निगम में ये धूल खा रहे हैं, इनका उपयोग नहीं किया जा रहा। इधर, नए हाथ ठेले लगा दिए गए हैं।
Published on:
06 Dec 2017 12:18 pm
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