2016 में संसाधन खरीदने का निर्णय हुआ था गैराज समिति व दोनों सफाई समिति की दिसम्बर 2016 को हुई संयुक्त बैठक में स्वच्छ भारत मिशन के तहत सफाई के लिए नए संसाधन खरीदने का निर्णय लिया गया था। इसकी पत्रावली तैयारी कर तत्कालीन आयुक्त को भेज दी थी। आयुक्त ने संसाधनों की खरीद को उपयुक्त मानते हुए सैद्धांतिक सहमति देकर पत्रावली महापौर को भेज दी। महापौर के पास फाइल लम्बित रही। बाद में कुछ नए संसाधन खरीदने का बिन्दु जोड़ दिया गया। इसके बाद पत्रावली निगम में इधर से उधर चलती रही। निगम प्रशासन ने बुधवार को पांच डम्पर खरीदने के लिए ई-टेण्डर जारी कर दिए। इसके अलावा चार जेसीबी खरीदी जा रही हैं।
दिसम्बर 2016 से फाइले घूम रही गैराज समिति अध्यक्ष गोपालराम मण्डा ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत पिछले साल दिसम्बर 2016 में 7.50 करोड़ के सफाई संसाधन खरीदने का संयुक्त निर्णय हुआ था, लेकिन फाइल इधर-उधर घूम रही है। चार जेसीबी खरीदी जा रही है। एक जेसीबी के साथ चार डम्पर खरीदे जाने चाहिए। तब ही जेसीबी का पूरा उपयोग हो सकेगा।
ये संसाधन खरीदे जाने थे शहर की सफार्इ में नगर निगम किस कदर लापरवाह है, इसकी बानगी इसी बाद से लगाई जा सकती है कि संसाधन जुटाने का फैसला लेने के बाद भी 10 माह तक निगम सोता रहा। अभी 18 में से 5 डम्पर खरीदने के लिए टेंडर जारी किए है। इनके अलावा 4 जेसीबी, 5 लॉडर, 12 हूपर, 1 सीवरेज मशीन बड़ी, 1 सीवरेज मशीन छोटी, 2 ट्रैक्टर, 4 जेटिंग ऑटो, 30 डस्टबिन, 2 डम्पर प्लेसर, 15 ई-रिक्शा, 5 साइकिल रिक्शा, 15 फोगिंग मशीनें और खरीदे जाने थे।
टीपर से उठाएंगे घर-घर कचरा नगर निगम की ओर से फिर से शहर के वार्डों में घर-घर कचरा संग्रहण योजना शुरू की जा रही है। तीनों जोन के आठ-आठ वार्डों में टीपर से घर-घर कचरा उठाया जाएगा। इसके लिए टेण्डर जारी किए हैं। टीपर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखा जाएगा। प्रत्येक जोन पर एक करोड़ 72 लाख रुपए इस व्यवस्था पर खर्च होंगे। स्मार्ट सिटी और स्वच्छ भारत मिशन के तहत डोर टू डोर कचरा संग्रहण करना जरूरी है। निगम पिछले तीन साल में तीन-चार बार इस संबंध में टेण्डर जारी कर चुका है, लेकिन
कोटा में यह योजना चल नहीं पाई। राज्य सरकार के दबाव में निगम प्रशासन फिर से घर-घर कचरा संग्रहण की योजना शुरू करने जा रहा है।