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कोविड-19 के इलाज में नेनो टेक्नोलॉजी कारगर

कोटा. कोटा विश्वविद्यालय कोटा के सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग की ओर से इमरजिंग ट्रेंड्स इन माइक्रोबायोलॉजी और बायोटेक्नॉलोजी विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन हुआ। इसमें देश के विभिन्न स्थानों से जुड़े आचार्य व विषय विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए। वेबिनार में जयपुर जेएनयू के जैव तकनीकी विभाग के आचार्य प्रमुख वक्ता प्रो. पी.एस.बिसन ने बताया कि हमारे शरीर में उपस्थित जीवाणु फिं गरप्रिंट की तरह व्यवहार करते है।

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कोटा

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Deepak Sharma

Jul 04, 2021

कोविड-19 के इलाज में नेनो टेक्नोलॉजी कारगर

कोविड-19 के इलाज में नेनो टेक्नोलॉजी कारगर

कोटा. कोटा विश्वविद्यालय कोटा के सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग की ओर से इमरजिंग ट्रेंड्स इन माइक्रोबायोलॉजी और बायोटेक्नॉलोजी विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन हुआ। इसमें देश के विभिन्न स्थानों से जुड़े आचार्य व विषय विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए। वेबिनार में जयपुर जेएनयू के जैव तकनीकी विभाग के आचार्य प्रमुख वक्ता प्रो. पी.एस.बिसन ने बताया कि हमारे शरीर में उपस्थित जीवाणु फिं गरप्रिंट की तरह व्यवहार करते है।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के एजीएम हिमांशु मोघे ने टीके के निर्माण की प्रक्रियाओं की पूर्ण जानकारी दी। डॉ. वीरेन्द्र यादव ने बताया कि कोविड-19 के इलाज में नेनोटेक्नोलॉजी कारगर साबित हो सकती है। डॉ. अजय सिंह ने क्रोप्स में जेनेटिक्स का महत्व बताया। माइक्रोबायोलॉजी सोसायटी इंडिया के अध्यक्ष प्रो. अरविंद देशमुख ने सूक्ष्म जीव विज्ञान में आधुनिक प्रवृत्तियों पर उद्यमिता विषय पर विचार साझा किए।

ग्वालियर एमिटी विवि के निदेशक प्रो. राजेश सिंह तोमर ने नेनो बायोटेक्नॉलोजी के आधुनिक शोध के बारे में बताया। जेआईआईटी नोएडा के डीन डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक की एसोसिएट प्रो. विभाग रानी ने एमआरएनए व डायग्नोस्टिक के अवसर बताए। कोटा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा सिंह, प्रो. आशु रानी व कुलसचिव आरके उपाध्याय ने भी सम्बोधित किया। सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग की समन्वयक व वेबिनार की कन्वीनर डॉ. पल्लवी शर्मा ने बताया कि वेबिनार में स्थानीय प्रतिभागियों सहित जयपुर नेश्नल यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, गुरू घासीदास यूनिवर्सिटी सहित 38 संस्थानों से 146 विद्यार्थियों व शोधार्थियों ने भाग लिया।