
बारां रोड फोरलेन हाइवे
बारां रोड फोरलेन हाईवे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त और जर्जर हो चुका है। इसके बावजूद संवेदक इसका नवीनीकरण नहीं कर रहा है। वह अपनी शर्तों का उल्लंघन कर रहा है। एेसे में नेशनल हाईवे अथोरिटी ऑफ इंडिया ने संवेदक फर्म के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू कर दी है। ताकि इसे हटाया जा सके। एनएचएआई ने संवदेक फर्म के अनुबंध शर्तों की अवहेलना के बाद यह निर्णय लिया है। इस सड़क का निर्माण 2009 में हुआ था। उस समय हुए अनुबंध में पांच साल में सड़क नवीनीकरण की शर्त रखी गई थी। जिसके मुताबिक नवीनीकरण 2014 में होना था, लेकिन कोटा से भंवरगढ़ तक की सड़क का नवीनीकरण अभी तक नहीं हुआ। जबकि सीमलिया व फतेहपुर में टोल वसूली की जा रही है। लोगों को इस घटिया सड़क पर से गुजरना पड़ रहा है।
कुछ जगह हुआ, वह भी घटिया
यहां तक की कोटा-बारां टोलवेज लिमिटेड ने सीमलिया टोल प्लाजा से गढ़ेपान तक सड़क का नवीनीकरण किया है, लेकिन इसमें भी घटिया निर्माण होने से बीच में कई जगहों पर सड़क टूट चुकी है। इनमें एक-दो जगह तो बड़े-बड़े गड्ढ़े हो गए हैं।
केवल पेचवर्क से चला रही काम
कोटा-बारां टोलवेज लिमिटेड कोटा से भंवरगढ़ तक 104 किमी सड़क है। इस पूरी सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढ़े हैं। इनके कारण सफर धचकों भरा हो गया है। सड़क का ऊपरी हिस्सा पूरी तरह से खुरदरा हो चुका है, लेकिन संवेदक फर्म ने केवल खस्ताहाल सड़क पर कुछ गड्ढ़ों को भरने का काम कर दिया। जिसमें रिन्यूवल की जगह पेचवर्क ही किया है।
सरकार तक पहुंच चुका है मामला
बारां रोड हाईवे के नवीनीकरण नहीं कराने का मामला केन्द्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नीतिन गड़करी तक पहुंच चुका है। इसमें हाईवे के घटिया निर्माण की शिकायत की थी, जिस पर बनी एक हाईपावर कमेटी ने शिकायत को सही नहीं माना। मंत्रालय से भी संवेदक को नवीनीकरण के निर्देश दिए थे। एनएचएआई राजस्थान के सीजीएम एमके जैन ने कहा कि संवेदक फर्म ने अनुबंध शर्तों के अनुसार कार्य नवीनीकरण नहीं किया। फर्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है, जिसमें सबसे पहले नोटिस देंगे।
Published on:
17 Oct 2017 02:08 pm
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