
कोटा.
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) 2018 में आवेदन करने के लिए तय की गई अधिकतम आयु सीमा की बाध्यता को दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। कोर्ट ने सीबीएसई के फैसले को खारिज करते हुए नेशनल ओपन स्कूल और स्वयंपाठी छात्रों के साथ एडिशनल सब्जेक्ट के तौर पर बायोलॉजी लेने वाले छात्रों को भी प्रवेश परीक्षा में शामिल होने का मौका दे दिया है।
सीबीएसई ने 8 फरवरी को नोटिफिकेशन निकाल कर नीट के लिए अधिकतम आयु सीमा तय कर दी थी। सामान्य वर्ग के छात्रों को 25 साल और आरक्षित वर्ग के छात्रों को 30 साल की उम्र के बाद नीट परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी गई थी। इतना ही नहीं मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के निर्देश पर सीबीएसई ने नेशनल ओपन स्कूल (एनआईओएस) से पढ़ाई करने वाले छात्रों, स्वयंपाठी छात्र और बायोलॉजी को अतिरिक्त विषय के रूप में पढऩे वाले छात्रों को भी प्रवेश परीक्षा में शामिल करने पर रोक लगा दी थी।
खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
सीबीएसई और एमसीआई के इस फैसले से देशभर के 25 हजार से ज्यादा छात्र प्रवेश परीक्षा से वंचित रह जाते। इस फैसले के खिलाफ नीट एक्टिविस्ट डॉ. अमित गुप्ता ने पीडि़त छात्रों के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जहां इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में ले जाने के निर्देश दिए गए। इसके बाद डॉ. गुप्ता ने 26 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट में तीन जनहित याचिकाएं दायर कीं। जिन पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस चंद्रशेखर की डबल बेंच ने सुनवाई करने के बाद बुधवार को नीट का नोटिफिकेशन रद्द करने के आदेश जारी कर दिए।
फिलहाल इसी साल के लिए राहत
डॉ. गुप्ता ने बताया कि कोर्ट ने फिलहाल नीट 2018 में आवेदन करने के लिए ही यह छूट दी है। इस छूट को आगे भी जारी रखा जाए या नहीं, इस बाबत 6 अप्रेल को कोर्ट अंतिम फैसला देगी। हालांकि कोर्ट के फैसले से कोटा समेत देश भर के हजारों छात्रों ने राहत की सांस ली है। यह छात्र 9 मार्च तक नीट के लिए आवेदन कर सकेंगे।
Published on:
28 Feb 2018 08:36 pm
बड़ी खबरें
View Allकोटा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
