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अब मेडिकल परीक्षार्थियों को आधार से जोड़ने की कवायद.. एजेंसी ने सरकार से मांगी स्वीकृति

locationकोटाPublished: Oct 07, 2019 07:19:03 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

NEET-2019 के आधार पर एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश को लेकर जालसाजी और धोखाधड़ी का बड़ा मामला

अब मेडिकल परीक्षार्थियों को आधार से जोड़ने की कवायद.. एजेंसी ने सरकार से  मांगी स्वीकृति

अब मेडिकल परीक्षार्थियों को आधार से जोड़ने की कवायद.. एजेंसी ने सरकार से मांगी स्वीकृति

कोटा. नीट-2019 के आधार पर एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश को लेकर जालसाजी और धोखाधड़ी का बड़ा मामला हाल ही में तमिलनाडु में उजागर हुआ। कैरियर पॉइंट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट देव शर्मा ने बताया की धोखाधड़ी एवं जालसाजी के उजागर हुए कुछ मामलों में यह पाया गया कि नीट-2019 की प्रवेश परीक्षा में किसी और विद्यार्थी ने दी तथा काउंसलिंग द्वारा आवंटित एमबीबीएस सीट पर प्रवेश किसी और विद्यार्थी ने लिया।
धोखाधड़ी के एक मामले में तमिलनाडु के “थेनी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज” में “उदित सूर्या” नाम के विद्यार्थी ने प्रवेश लिया जबकि वास्तविकता में परीक्षा किसी और विद्यार्थी द्वारा दी गई थी। तमिलनाडु पुलिस को इस तरह के और भी कई मामले ज्ञात हुए हैं तथा मद्रास हाई कोर्ट ने इन मामलों पर राय दी है कि यह मामला सिर्फ तमिलनाडु का ही नहीं है ऐसा संपूर्ण देश में संभव है।
शर्मा ने बताया कि उपरोक्त परिस्थितियों की गंभीरता को देखते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के डायरेक्टर जनरल विनीत जोशी ने नीट-2020 मैं “आधार कार्ड” की अनिवार्यता लागू करने हेतु भारत सरकार से स्वीकृति मांगी है। “फोटो आईडेंटिटी कार्ड” में “आधार कार्ड” की अनिवार्यता से इस तरह के धोखाधड़ी के मामलों से निजात मिल सकेगी।
राष्ट्रीय स्तर पर एकल मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट आयोजित करने के निर्णय से उपजे संशय…

देव शर्मा ने बताया कि वर्ष-2019 तक आयोजित की जाने वाली मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं नीट, एम्स एवं जिप्मेर के पात्रता मानकों में काफी भिन्नता थी। आगामी नीट-2020 के आयोजन से पूर्व क्या नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा पात्रता मानकों में परिवर्तन किया जाएगा? उपरोक्त संशय को लेकर “ओबीसी-श्रेणी” के मेडिकल परीक्षार्थी परेशान रहे तथा निरंतर विशेषज्ञों से टेलिफोनिक संपर्क साधते रहे। ज्ञात रहे कि नीट-2019 के 14 लाख परीक्षार्थियों में से 6 लाख से अधिक परीक्षार्थी ओबीसी श्रेणी के थे।
.ओबीसी श्रेणी में नीट हेतु मात्र 40% अंक आवश्यक जबकि एम्स में 60% अंकों की आवश्यकता नीट-2020 के पात्रता अंको को लेकर संशय में ओबीसी विद्यार्थी

नीट में सामान्य एवं ओबीसी श्रेणीयों हेतु बारहवीं बोर्ड परीक्षा में पात्रता अंक प्रतिशत भिन्न-भिन्न जबकि एम्स में समान
नीट-2019 में ओबीसी श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए बारहवीं बोर्ड परीक्षा में फिजिक्स,केमिस्ट्री तथा बायोलॉजी में एग्रीगेट न्यूनतम मात्र 40% अंकों की आवश्यकता थी। एम्स-2019 में ओबीसी श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए फिजिक्स,केमिस्ट्री, बायोलॉजी एवं इंग्लिश में एग्रीगेट न्यूनतम 60% अंकों की आवश्यकता थी।
यानि एम्स में आवश्यक न्यूनतम अंकों का पात्रता प्रतिशत अधिक था। देव शर्मा ने स्पष्ट किया कि ओबीसी श्रेणी के विद्यार्थियों का संशय है कि कहीं नीट-2020 में ओबीसी श्रेणी हेतु बारहवीं बोर्ड परीक्षा में पात्रता प्रतिशत में कोई परिवर्तन तो नहीं किया जाएगा।देव शर्मा ने बताया कि उपरोक्त संशय को समाप्त करने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को शीघ्र ही बारहवीं कक्षा के बोर्ड पात्रता प्रतिशत मानकों को लेकर आधिकारिक घोषणा करनी होगी ताकि विद्यार्थी मानसिक पीड़ा से मुक्त रहें।
क्या एम्स एवं जिप्मेर प्रवेश परीक्षाओं की शैक्षणिक गुणवत्ता एवं विविधता को बरकरार रखने हेतु नीट-2020 के परीक्षा पैटर्न में बदलाव लाएगी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी

विद्यार्थीयों के प्रतिभा आंकलन हेतु एम्स तथा जिप्मेर जैसी प्रतिष्ठित मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के प्रश्नों में विविधता होती है। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के साथ-साथ,असर्शन-रीजन के प्रश्न भी पूछे जातें है। फिजिक्स केमिस्ट्री एवं बायोलॉजी विषय पर प्रश्नों की संख्या का सामान वितरण होता है ताकि तीनों विषयों पर अधिकार रखने वाला विद्यार्थी ही चयनित हो सके।
तार्किक क्षमता के आंकलन हेतु तार्किक एवं बौद्धिक शक्ति पर आधारित प्रश्न भी पूछे जाते हैं। देव शर्मा ने बताया कि नीट- 2019 तक यह विविधता नीट के परीक्षा पैटर्न से गायब थी। अतः यदि एजेंसी शैक्षणिक स्तर के उच्च मानकों को कायम रखना चाहती है तो उसे निश्चित तौर पर नीट-2020 के परीक्षा पैटर्न में कुछ बदलाव करने होंगे। अभी हाल ही में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा जेईई मैंस-2020 के परीक्षा पैटर्न में बदलाव कर यह संकेत दिया गया है कि एजेंसी शैक्षणिक मानकों के स्तर से किसी तरह का समझौता करने को तैयार नहीं है।

देव शर्मा ने बताया कि एजेंसी नीट-2020 में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के साथ असर्शन-रीजन के प्रश्नों को शामिल कर सकती है। बौद्धिक योग्यता एवं सामान
्य ज्ञान के प्रश्न भी शामिल किए जा सकते हैं। हां, यह निश्चित है कि जिप्मेर की भांति अंग्रेजी के प्रश्न शामिल नहीं किए जाएंगे क्योंकि उससे प्रवेश परीक्षा की व्यापकता समाप्त होगी।
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