12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सरकारी पैसा है, जाए भाड़ में इनकी बला से….

30 लाख 46 हजार रुपए की वसूली की जानी है.बैठक में नहीं आए निगम आयुक्त और कई संस्थाओं के अधिकारी

2 min read
Google source verification
Audit

कोटा .

जिले में स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग की ओर से लगाए जाने वाले आक्षेप और गबन प्रकरणों के निस्तारण में सरकारी विभाग रुचि नहीं ले रहे। बार-बार बैठकों में निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन अगली बैठक तक ज्यादातर विभागों की प्रगति शून्य रहती है।

Read More : UP से 12 बच्चों को लाकर कोटा के इस कारखाने में पु‍रानी साडियों को करवा रहे थे नया, अब हो गए बालश्रमिक मुक्त

बैठक में ही नहीं आए

जिले में 21 हजार 563 सामान्य आक्षेप, 92 प्रारूप आक्षेप और 212 प्रकरण गबन के हैं। इनमें करीब 30 लाख 46 हजार रुपए की वसूली की जानी है। जिला स्तरीय समिति की बैठक शुक्रवार फिर हुई। नगर निगम आयुक्त, सांगोद, कैथून और इटावा नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी और राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य तो बैठक में ही नहीं आए।

Read More : निगम में हुई अफसरशाही हावी, भाजपा पार्षदों ने खोला महापौर के खिलाफ मोर्चा, विरोध ने पकड़ा तूल


निस्तारण में रुचि नहीं ली, कार्रवाई की अनुशंसा
अतिरिक्त निदेशक पूनम मेहता ने बताया कि समिति ने अनुपस्थित रहे अधिकारियों के खिलाफ नोटिस जारी करके कर्रवाई की अनुशंसा की है। एक अप्रेल 2017 को सभी विभागों को कम से कम 25 प्रतिशत प्रकरणों के निस्तारण का लक्ष्य दिया गया था। इसके बाद जिला परिषद ग्रामीण विकास खंड ने 36 प्रतिशत और कृषि उपज मंडी समिति रामगंजमंडी ने 50 प्रतिशत प्रकरणों को निस्तारण किया। अन्य संस्थाओं ने निस्तारण में रुचि नहीं ली।

Read More : विश्वभर में प्रसिद्ध कोटा की 1100 साल पुरानी विरासत बर्बाद, दोबारा असंभव है ऐसा विलक्षण निर्माण

कई संस्थाओं की प्रगति शून्य

कार्यवाहक संभागीय आयुक्त रोहित गुप्ता ने प्रकरणों के निस्तारण में रुचि नहीं लेने पर नाराजगी जताई। पंचायतीराज विभाग, नगर निगम और अन्य कई संस्थाओं की प्रगति शून्य रहने पर अब उनके अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए पत्र लिखा जाएगा।

Read More : 1100 साल पुरानी विरासत की तबाही पर बोले मोहम्मद केके - लापरवाही नहीं, ये है बहुत बडी गलती