
सवाईमाधोपुर जंक्शन पर हादसे के बाद के हालात।
दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर सवाईमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर रविवार को दर्दनाक हादसे में पांच लोगों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। इससे रेलवे के संरक्षा इंतजामों की पोल खुल गई। इसकी सूचना कोटा नियंत्रण कक्ष को मिली तो मंडल के अधिकारियों की नींद उड़ गई। तत्काल एडीआरएम आलोक अग्रवाल, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी डॉ.आर.एन.मीना और मंडल वाणिज्य प्रबंधक के.सी. मीना सवाई माधोपुर पहुंचे।
सूत्रों के अनुसार गरबा एक्सप्रेस की स्टेशन पर गुजरते समय तेज रफ्तार होने के कारण यात्री घबरा गए और संभलने का अवसर नहीं मिला। भीड़-भाड़ होने के बाद भी रेलवे सुरक्षा बल और अन्य रेलकर्मियों ने यात्रियों को गलत साइड पर जाने से नहीं रोका। रक्षाबंधन के चलते यात्रियों की भीड़ होने के बाद भी रेल प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा। यह मामला रेलवे बोर्ड तक पहुंचने के बाद इसकी जांच शुरू हो गई।
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ट्रैक पर खड़े रहे यात्री
कई यात्री पटना एक्सप्रेस का ट्रेक पर खड़े होकर इंतजार करते दिखे। स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी के थाने हैं। यहां व्यवस्थाओं को देखने के लिए निदेशक स्तर के अधिकारी को तैनात कर रखा है। इसके बाद भी संरक्षा मापदंडों की यहां खिल्ली उड़ती नजर आई। डीआरएम ने कई बार निरीक्षण कर स्टेशन निदेशक को जंक्शन की व्यवस्थाएं बेहतर बनाए रखने के निर्देश दिए, लेकिन वे सब हवा हो गए। किसी ने इस आेर ध्यान नहीं दिया।
सवाई माधोपुर जंक्शन पर हादसे की सूचना मिलते ही अपर मंडल रेल प्रबंधक और अन्य रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंचे। इससे पहले स्टेशन मास्टर ने घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने की व्यवस्था कराई।
अमरदीप सिंह, प्रवक्ता, रेलवे
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