
कोटा . कोचिंग नगरी कोटा में स्टूडेंट्स की आत्महत्या के बाद भी जिला प्रशासन व हॉस्टल एसोसिएशन सजग नहीं हैं। राजीव नगर क्षेत्र में 80 प्रतिशत लीज हॉस्टलों का एसोसिएशन को पता तक नहीं है। एसोसिएशन की सूची भी एक साल से अपडेट नहीं है। बावजूद मनमर्जी से हॉस्टल संचालित हो रहे हंै। इन हॉस्टलों को कोई देखने वाला तक नहीं है।
राजस्थान पत्रिका टीम ने जिंदगी एक प्राथमिकता फाउंडेशन के साथ मिलकर रविवार को राजीव नगर क्षेत्र में छात्राओं के हॉस्टल खंगाले तो चौंकाने वाले हालात नजर आए। एसोसिएशन की सूची के अनुसार, गल्र्स हॉस्टल की जगह ब्वयॉज हॉस्टल संचालित हो
रहा था। कार्यरत कर्मचारियों का रिकॉर्ड भी नहीं मिला। कई हॉस्टलों में सुरक्षा के लिए तैनात गार्ड नहीं मिले तो कई में वार्डन नहीं मिले। विद्यार्थियों ने बताया कि जिला प्रशासन का कोई अधिकारी आज तक हॉस्टलों को देखने तक नहीं आया कि यहां क्या हो रहा।
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जिंदगी एक प्राथमिक संस्था की फाउन्डर ईशा यादव ने बताया कि कोचिंग छात्राओं के हॉस्टलों को देखा है। इनमें हॉस्टल एसोसिएशन की लापरवाही साफ नजर आ रही है। एसोसिएशन की सूची तक अपडेट नहीं है। सूची में जिसे गल्र्स हॉस्टल बताया गया, वह ब्वॉयज हॉस्टल निकला। हॉस्टलों में कर्मचारियों का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। सुरक्षा के लिए तैनात गार्ड व वार्डन नहीं मिले। स्टूडेंट्स भगवान भरोसे मिले।
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कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल हॉस्टल एसोसिएशन के पास सूची एक साल पुरानी है। हमारी सूची भी अपडेट करेंगे। साथ ही, हॉस्टल को गाइड लाइन की पालना करवाने के लिए 15 प्रश्नों की गाइडलाइन जारी करेंगे। उसमें सभी चीजों के माक्र्स दिए जाएंगे। यदि कोई हॉस्टल फेल होता है तो उसकी सूची जिला प्रशासन को सौंपी जाएगी, ताकि वह हॉस्टल को ब्लैक लिस्ट व सीज कर सकें।
Published on:
08 Jan 2018 09:31 am
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