scriptपश्चिम मध्य रेलवे में डीजल से नहीं चलेगी कोई रेलगाड़ी | No train will run on diesel in West Central Railway | Patrika News

पश्चिम मध्य रेलवे में डीजल से नहीं चलेगी कोई रेलगाड़ी

locationकोटाPublished: Apr 01, 2021 07:30:49 pm

Submitted by:

Jaggo Singh Dhaker

पश्चिम मध्य रेलवे जोन देश पहला संपूर्ण विद्युतीकृत जोन बना। इस जोन में हर साल 100 करोड़ रुपए का डीजल बचेगा और तेज रफ्तार से गाडिय़ां चलेंगी। रेलमार्ग के विद्युतीकृत होने के बाद 33 ट्रेनों में नहीं बदलने पड़ेंगे।

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कोटा. पश्चिम मध्य रेलवे में अब डीजल इंजन से कोई ट्रेन नहीं चलेगी। सभी ट्रेनें बिजली से चलेंगी। इसके साथ ही रोज 33 ट्रेनों के इंजन बदलने नहीं पड़ेंगे। पहले संपूर्ण रेलमार्ग विद्युतीकृत नहीं होने के कारण इंजन बदलने पड़ते थे। जोन का पूरा रेलमार्ग विद्युतीकृत होने से इससे गाडिय़ों की गति में भी वृद्धि हो गई है। रेल मंत्रालय ने सितम्बर 2017 में 100 प्रतिशत विद्युतीकरण कार्यक्रम की घोषणा की थी। पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में श्रीनगर-जलिंधरी रेलमार्ग का विद्युतीकृत कार्य पूरा होने पर गत 29 मार्च 2021 को मुख्य सुरक्षा आयुक्त ने विद्युतीकरण कार्य का निरीक्षण किया था। इस निरीक्षण के बाद इस मार्ग पर विद्युत इंजन से ट्रेनों के संचालन की अनुमति मिल गई है। इसके साथ ही पश्चिम मध्य रेलवे का संपूर्ण रेलमार्ग विद्युतीकृत हो गया है। भारत का पहला जोन है जो पूरी तरह विद्युतीकृत है। इस जोन में करीब 3012 रूट किमी विद्युतीकृत होने से हर साल डीजल पर खर्च होने वाले 100 करोड़ रुपए की बचत होगी। इसके साथ ही प्रदूषण में भी कमी आएगी। रेलवे की ओर से नए कर्षण वितरण केन्द्र भी स्थापित किए गए। जबलपुर मंडल में 15, भोपाल मंडल के 14 एवं कोटा मंडल में 11 टे्रक्सन सब-स्टेशन स्थापित किए हैं। रेलवे महाप्रबंधक शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि रेलमार्गों के विद्युतीकृत होने से लोको बदलने में लगने वाले समय में कमी आई है। डीजल लोकों की अपेक्षा इलेक्ट्रिक लोको के रखरखाव की लागत कम है। इंजन न बदलने के कारण क्रू की बीट बढ़ेगी और क्रू की अधिक उपलब्धता होगी। जोन में पिछले वर्ष मालगाडिय़ों की औसत गति 30 किमी प्रति घंटा थी। विद्युतीकरण होने से अब मालगाडिय़ों की औसत स्पीड 56.76 किमी प्रति घंटा हो गई है।
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