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अब न्यू कोटा स्टेशन के नाम से जाना जाएगा डकनिया तालाब रेलवे स्टेशन, 132.20 करोड़ की लागत से हो रहा है पुनर्विकास, एयरपोर्ट जैसी ये मिलेगी सुविधाएं

डकनिया तालाब स्टेशन दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर स्थित एक महत्वपूर्ण स्टेशन है। इसे विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त करने के लिए 132.20 करोड़ की लागत से पुनर्विकसित किया जा रहा है।

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कोटा

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Akshita Deora

May 12, 2025

फाइल फोटो: पत्रिका

New Kota Station (Dakaniya Talav): कोटा शहर के उपनगरीय रेलवे स्टेशन डकनिया तालाब को अब न्यू कोटा रेलवे स्टेशन के नाम से पहचाना जाएगा। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने स्टेशन के नाम परिवर्तन के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए राजस्थान सरकार को आवश्यक कार्यवाही के लिए पत्र जारी किया है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों के चलते गृह मंत्रालय ने स्टेशन के नाम परिवर्तन पर नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) जारी की है। मंत्रालय ने राज्य सरकार से कहा है कि वह शीघ्र ही गजट अधिसूचना जारी कर यह जानकारी सर्वे ऑफ इंडिया सहित अन्य संबद्ध संस्थाओं को भेजे। राज्य सरकार की अधिसूचना के बाद डकनिया तालाब स्टेशन को आधिकारिक रूप से न्यू कोटा रेलवे स्टेशन के रूप में मान्यता प्राप्त हो जाएगी।

132.20 करोड़ से हो रहा स्टेशन का पुनर्विकास

डकनिया तालाब स्टेशन दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर स्थित एक महत्वपूर्ण स्टेशन है। इसे विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त करने के लिए 132.20 करोड़ की लागत से पुनर्विकसित किया जा रहा है। निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद यह स्टेशन एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से सुसज्जित होगा। यह स्टेशन कोटा के नए क्षेत्रों की बड़ी आबादी, कोटा आने वाले विद्यार्थियों, पर्यटकों, व्यापारियों और उनके परिजनों के लिए भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।


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अधिक ट्रेनों का ठहराव संभव

कोटा और डकनिया तालाब, दोनों स्टेशन दिल्ली-मुंबई रेल लाइन पर स्थित हैं। वर्तमान में डकनिया तालाब स्टेशन पर सुविधाओं की कमी के चलते अधिकांश ट्रेनों का ठहराव कोटा जंक्शन पर होता है, लेकिन पुनर्विकास कार्य पूर्ण होने के बाद यहां लूप लाइनों के निर्माण सहित अन्य आधारभूत ढांचागत सुविधाओं के चलते अधिक ट्रेनों का ठहराव संभव हो सकेगा। इससे कोटा जंक्शन पर दबाव कम होगा और यात्रियों को वैकल्पिक स्टेशन की सुविधा मिलेगी।

मिलने वाली प्रमुख सुविधाएं

डकनिया तालाब रेलवे स्टेशन पर दोनों ओर फ्रंट और रियर साइड बिल्डिंग का कार्य अंतिम चरण में है। पुनर्विकसित स्टेशन पर यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्राप्त होंगी, जिनमें एंट्री और एग्जिट ब्लॉक, टिकट काउंटर, सामान्य एवं महिला प्रतीक्षालय, क्लॉक रूम और वीआईपी लाउंज, कार्यालय कक्ष, तीन रिटायरिंग रूम, डोरमेट्री और स्टोर रूम, भोजनालय और बजट होटल, शिशु आहार कक्ष, कियोस्क, दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाएं, स्टेशन के दोनों ओर पार्किंग, सभी प्लेटफॉर्मों को जोड़ने वाला 36 मीटर चौड़ा नया कॉनकोर्स, थ्रू रूफ और सर्कुलेटिंग एरिया, 8 लिफ्ट व 9 एस्केलेटर, 70 केडब्ल्यूपी क्षमता वाला सौर ऊर्जा संयंत्र, सीसीटीवी कैमरे, यात्री सूचना प्रदर्शन प्रणाली, कोच इंडिकेशन और ट्रेन इंडिकेशन बोर्ड की सुविधाएं शामिल हैं।

राजस्थान पत्रिका ने उठाया था मुद्दा

डकनिया स्टेशन का नाम बदलने का मुद्दा पत्रिका ने कई बार प्रमुखता से उठाया था। स्थानीय उद्यमी भी लंबे समय से नाम परिवर्तन की मांग कर रहे थे। एसएसआई एसोसिएशन संस्थापक अध्यक्ष गोविंदराम मित्तल ने बताया कि डकनिया तालाव स्टेशन नाम होने के कारण क्षेत्र के विकास कार्यों में बाधाएं आ रही थीं। इसलिए स्टेशन का नाम बदलने की लगातार मांग की जा रही थी। भाजपा आर्थिक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक सीए मिलिंद विजयवर्गीय ने बताया कि डकनिया स्टेशन के पुनरुद्धार और उसका नाम ’न्यू कोटा’ रखने का आग्रह लोकसभा अध्यक्ष से किया था। इसके लिए उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष का आभार जताया।

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