कोटा. सर्दियों में मौसम में कोहरे से रेल संचालन में आने वाली परेशानियों से कोटा मंडल के लोको पायलटों को राहत मिल गई है। कोटा मंडल के लोको व सहायक लोको पायलटों को रेल प्रशासन की ओर से फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध करवाए गए है। ये अत्याधुनिक डिवाइस रेल में जीपीएस तकनीक के साथ काम करेगा। इससे तेज गति से दौड़ रही ट्रेन के संचालन में आने वाली परेशानी नहीं होगी।
सूत्राें ने बताया कि फॉग सेफ्टी डिवाइस आरडीएसओ लखनऊ की ओर से प्रमाणित है। इसे जीपीएस सिस्टम से जोड़ कर काम लेना होता है। इसका उपयोग भी बेहद आसान है। ऐसे में सर्दियों में खासकर सुबह व शाम को कोहरे के समय ट्रेन के संचालन में होने वाली परेशानी काफी कम हो गई है। इससे ट्रेनों के लेट होने से लेकर इसके संचालन और रेलवे ट्रेक पर कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की आशंका भी तकरीबन समाप्त हो गई है। इस उपकरण की मदद से ट्रेनों की अधिकतम अनुमेय गति (एमपीएस) को लगातार बनाए रखा जा सकता है।
ऐसे करता है काम
जीपीएस से रेलवे ट्रैक का मैप, सिग्नल, स्टेशन और रेल्वे क्रॉसिंग की जानकारी जुड़ी होती है। यह सिस्टम लोको पायलट को ट्रेन चलने के दौरान लेवल क्रॉसिंग और सिग्नल की लगातार जानकारी देता रहता है। ट्रेन चलाने के दौरान जब लोको पायलट को एफएसडी से पता चल जाता है कि ट्रैक पर आगे कोई दिक्कत नहीं है, तो वह उसी हिसाब से ट्रेन की गति बढ़ाता है।
कोटा को मिले 403 डिवाइस
पश्चिम मध्य रेलवे की ओर से कोटा मंडल को 403 फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध करवाए गए है। इन फॉग सेफ्टी डिवाइस को मंडल ने लोको पायलट व सहायक लोका पायलटों का उपलब्ध करवा दिया गया है। कोहरे से प्रभावित रेलखंडों पर फॉग सेफ्टी डिवाइस का उपयोग किया जा रहा है।
कोटा के सीनियर डीसीएम रोहित मालवीय ने बताया कि कोटा मंडल को 403 फॉग सेफ्टी डिवाइस मिले है। इन डिवाइसेज को कोहरे से प्रभावित रेलखंडों पर प्राथमिकता से लोको व सहायक लोको पायलटों को उपलब्ध करवाया गया है। इससे ट्रेनों के शेड्यूल से लेकर संरक्षा में खासी मदद मिलेगी।