कोटा. फैडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर राजस्थान मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन के करीब डेढ़ हजार दवा प्रतिनिधि (एमआर) बुधवार को हड़ताल पर रहे। 8 सूत्रीय मांगों को लेकर दवा प्रतिनिधियों ने कंपनी से संबंधित कार्यों का बहिष्कार किया। यूनियन के सदस्यों ने कलक्ट्रेट तक वाहन रैली निकाली। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बाद में पीएम के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया।
रैली बाद में सभा में परिवर्तन हो गई। सभा में राजस्थान मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राकेश गालव ने कहा कि दवा प्रतिनिधि लंबे वक्त से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते रहे है। अभी 8 सूत्रीय मांग को लेकर हड़ताल की है। जिसमें 5 सूत्रीय मांग सरकार व 3 सूत्रीय मांग नियोक्ताओं से है।
गालव ने कहा कि बैंक,बीमा, रेलवे हर इंडस्ट्री में सर्विस रूल्स है, लेकिन दवा उद्योग के अंदर कोई सेवा शर्त नहीं है। हमारी मांग है कि दवा उद्योग में भी सर्विस रूल्स लागू हो, ताकि कम्पनियां अपनी मनमानी नही कर सकें। अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो अगले पड़ाव में दिल्ली में मार्च करेंगे। गालव ने केंद्र सरकार से दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की कीमतें कम करने और उनके ऊपर लागू जीएसटी को हटाए जाने की भी मांग दोहराई। यूनियन के कोषाध्यक्ष अमित घाटिया ने बताया कि कोटा के करीब डेढ़ हजार दवा प्रतिनिधि हड़ताल पर रहे।
आईएएमए के अध्यक्ष डॉ. अमित व्यास ने कहा कि दवा प्रतिनिधियों की हड़ताल का आईएमए की तरफ से पूर्ण समर्थन है। चिकित्सकों, दवा प्रतिनिधियों, होलसेल व रिटेल दवा विक्रेताओं की व्यापक एकता पर जोर देते हुए एक व्यापक संघटित मंच बनाने का सुझाव दिया। जिससे संघर्ष को और अधिक तेज किया जा सके। सभा को अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष दूलीचंद बोरदा, भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र के महामंत्री उमा शंकर, जेके सिंथेटिक्स यूनियन के महामंत्री हबीब खान, निर्माण मजदूर यूनियन के सरंक्षक रविंद्र सिंह, आरएमएसआरयू प्रदेश उपाध्यक्ष रियाज़ुद्दी खान, प्रदेश सचिव सुमीर झा, मनीष घाटिया, कोटा जिला सचिव दिनेश मेहता ने भी संबोधित किया।