scriptOnline Thagi : विदेशी लड़की बनकर जाल में फंसाया, 3.40 लाख की ठगी | Online Fraud of 3.40 lakhs with young man by becoming a foreign Girl | Patrika News

Online Thagi : विदेशी लड़की बनकर जाल में फंसाया, 3.40 लाख की ठगी

locationकोटाPublished: Jul 20, 2021 12:07:12 am

Submitted by:

Kanaram Mundiyar

-कोटा पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले दो आरोपियों को धौलपुर से किया गिरफ्तार-बार-बार रुपयों मांग की तो ठगी का हुआ अहसास

Online thagi  : विदेशी लड़की बनकर जाल में फंसाया, 3.40 लाख की ठगी

Online thagi : विदेशी लड़की बनकर जाल में फंसाया, 3.40 लाख की ठगी

कोटा.
यदि आप ऑनलाइन ठगी (Online thagi ) से बचना चाहते हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लें। क्योंकि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ऑनलाइन ठगों का जाल बिछा हुआ है। आए दिन कई लोग ऑनलाइन ठगी (Online Fraud ) के शिकार हो रहे हैं। साइबर सेल के जरिए पुलिस (Rajasthan Police) ऑनलाइन फ्रॉड (Cyber Fraud ) से बचने के लिए लोगों को बार-बार आगाह कर रही है, लेकिन इसके बावजूद कई लोग ठगों के जाल में फंसकर अपनी गाढ़ी कमाई लुटा देते हैं। राजस्थान के कोटा शहर में हाल ही ऐसा मामला सामने आया है। जिसमें धौलपुर के दो युवकों ने ऑनलाइन प्लेटफार्म पर विदेशी लड़की (foreign Girl ) बनकर कोटा के एक युवक से 3.40 लाख रूपए वसूल लिए।
Kota जवाहर नगर थाना पुलिस ने जवाहर नगर निवासी एक व्यक्ति से ऑनलाइन ठगी (Online Fraud ) के मामले में दो आरोपियों को धौलपुर जिले से गिरफ्तार किया है। ठगों ने व्यक्ति को विदेशी लड़की (foreign Girl ) से बात कराकर सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसा झांसा दिया कि व्यक्ति ने बैंक एकाउंट में पहली बार में 40 हजार रुपए और दूसरी बार में 299900 ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद भी और रुपए की फिर मांग की तो व्यक्ति को ऑनलाइन ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद उसने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।

जवाहर नगर थानाधिकारी ने बताया कि महावीर नगर प्रथम निवासी जोधराज सिंह हाड़ा (61) ने एक रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि 25 दिसम्बर 2020 को सोशल मीडिया के माध्यम से एक विदेशी लड़की उसके सम्पर्क में आई। उसने अपना नाम नताशा मोरिशन बताया। बातचीत के दौरान उसने उसके सोशल मीडिया पर बात करने के लिए मोबाइल नम्बर मांगे। लड़की ने अपने आप को सरकारी ऑफिसर बताया था तो विश्वास कर उसे फोन नम्बर दे दिए। लड़की ने मैसेज किया कि उसका 30 दिसम्बर 20 को जन्मदिन है। वह उसके लिए कपड़े-जूते गिफ्ट भेजना चाहती है। उसने मैसेज किया कि गिफ्ट पार्सल भेजे हैं जो 30 दिसम्बर सुबह इंडिया पहुंच जाएगा। डिलेवरी का जो भी भुगतान हो कर दें। 30 दिसम्बर को दिल्ली से फोन आया। फोन करने वाले व्यक्ति ने अपना नाम रविन्द्र बताया तथा स्वयं को कस्टम ऑफिसर बताकर दिल्ली कस्टम ऑफिस से बोलना बताया।
उसने कहा कि आपके लिए लंदन से एक पार्सल आया है। इस पर कस्टम ड्यूटी के 40 हजार रुपए लगेंगे। उसी नम्बर पर पीडि़त को एसएमएस डाला, जिसमें बैंक का नाम, बैंक डिटेल व एकाउंट नम्बर दिए थे। कहा गया कि ऑनलाइन एप के माध्यम से उक्त खाते में 40 हजार रुपए ट्रांसफर कर दो। जोधराज ने उसके कहे अनुसार 40 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। कस्टम अधिकारी बने व्यक्ति ने एसएमएस कर स्वयं का मेल आईडी भेजा। इस पर आईडी प्रूफ और पेमेन्ट की स्लीप मांगी, जो जोधराज ने भेज दी। इसके बाद उसने कहा कि कस्टम विभाग ने आपके पार्सल को स्केनिंग का कार्य समाप्त कर लिया है। इसमें एक बड़ी धन राशि (ब्रिटिश स्टर्लिंग पाउंड) मिली है, जो गैरकानूनी है। इसलिए 299900 रुपए जुर्माना जमा कराएं। उसने समय मांगा तो कहा गया कि 20 मिनट में पैनल्टी राशि दो नहीं तो प्रकऱण को मनीलॉन्ड्री विभाग को भेज दिया जाएगा।
जोधराज ने कहा कि उसने कोई राशि नहीं मंगाई तो कहा कि ये बात विभाग को बताना। उसने नताशा मोरिशन को मैसेज कर जानकारी चाही तो उसने पार्सल में राशि रखना बताया और मैसेज किया कि पार्सल में 2 हजार पोण्ड तुम्हारे लिए डाले हैं। जोधराज उसके झांसे में आ गया तथा उसने राशि जमा कराने की सहमति दे दी। इसके बाद दुबारा रविन्द्र सिंह के उसी एकाउंट में 299900 रुपए एनईएफटी के माध्यम से ट्रांसफ र कर दिए। अगले दिन फिर दिल्ली से उसी फर्जी कस्टम अधिकारी बनकर जोधराज की बैंक डिटेल लेने के बाद 475500 रुपए की मांग की। इसके बाद उसे ठगे जाने का अहसास हुआ।

रिकॉर्ड खंगाले तो पकड़ में आए ठग-
पुलिस ने घटना में उपयोग लिए मोबाइल नम्बर व बैंक खाता संख्या के रेकॉर्ड खंगाले। इसके अनुसार जोधराज ने जिस खाते में रुपए ट्रांसफर किए वह धौलपुर का होना पाया। पुलिस टीम ने धौलपुर जाकर बैंक पासबुक, एटीएम व चैक बुक, मोबाइल नम्बर के आधार पर आरोपियों को खोज निकाला। पुलिस ने इस मामले में धौलपुर जिले के राजखेड़ा थाना क्षेत्र के नादोली निवासी सागर सिंह (21) व हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी विकास राणा ( 24) को गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी लोगों से ओटीपी लेकर रुपयों को उड़ा लेते हैं। रकम आने के बाद यूपीआई के माध्मय से उक्त रकम को अन्य खाते में ट्रांसफर कर देते थे।
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