
देशभर में यूनिवर्सिटी और उनसे संबद्ध महाविद्यालयों में अब रोस्टर प्रणाली से शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इसके लिए शैक्षणिक संस्थान को आरक्षण के अनुरूप अपना भर्ती रोस्टर बनाना होगा। उसी के अनुरूप भर्ती करनी होगी। यूजीसी को भरे हुए और रिक्त पदों की सूचना 31 जुलाई तक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भेजनी होगी। यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को पोर्टल पर यह जानकारी भी देनी होगी कि कितने पद रिक्त हैं, अभी तक पदों पर भर्ती क्यों नहीं की और क्या प्रयास किए जा रहे हैं। यूजीसी के इस पत्र के बाद राज्य सरकार की स्टेट यूनिवर्सिटी-कॉलेज सहित निजी यूनिवर्सिटी में भी हलचल शुरू हो गई है। कारण है कि राजस्थान की अधिकतर यूनिवर्सिटी में रोस्टर नहीं बने हैं।
दरअसल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव मनीष जोशी की ओर से हाल ही एक सर्कुलर जारी किया गया है। इसमें यूजीसी के सभी निजी एवं राजकीय विश्वविद्यालय और उनसे संबद्ध महाविद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि उच्च शैक्षणिक संस्थान को आरक्षण के अनुरूप अपना भर्ती रोस्टर बनाना होगा। उसी के अनुरूप जल्द भर्ती करनी होगी। सभी भर्तियां व रोस्टर का निर्धारण विश्वविद्यालय के एक्ट के अनुरूप किया जाना है। यूजीसी को भरे हुए और रिक्त पदों की सूचना 31 जुलाई तक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भेजनी होगी। यूजीसी ने अपने सर्कुलर में स्पष्ट किया कि रोस्टर में सामान्य, एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस के साथ पीडब्ल्यूडी कैटेगिरी को भी शामिल करना होगा।
यूजीसी ने 2019 में ही एक पत्र जारी किया था। इसमें रोस्टर प्रणाली के तहत पद भरने के निर्देश दिए थे। लेकिन यूजीसी के पत्र की पालना नहीं की गई। अब यूजीसी ने सख्त कार्यवाही की हिदायत देते हुए रोस्टर प्रणाली की पालना करने के निर्देश दिए हैं।
Published on:
19 Jul 2024 11:17 am
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