कोटा. ग्रामीण क्षेत्र के दूर दराज गांवों से आए दिव्यांग बच्चे समग्र शिक्षा अभियान की ओर से आयोजित अंग उपकरण वितरण शिविर में इस आस से आए थे, लेकिन उन्हें यहां ‘सहाराÓ मिलेगा। लेकिन यहां व्यवस्थाएं बनाने वाले अधिकारियों की लापरवाही ने दिव्यांग बच्चों को भूखे रखकर तड़पा ही दिया। दिव्यांग करीब पांच घंटे भूखे बैठे रहे। बाद में मुख्य अतिथि ने इन्हें उपकरण वितरित कर उज्जवल भविष्य की कामना की। इसके बाद जाकर इन्हें भोजन नसीब हुआ।
नयापुरा स्थित मांटेसरी स्कूल में गुरुवार को शिविर आयोजित किया गया था। विभाग ने दिव्यांग बच्चों व उनके परिजनों को सुबह दस बजे तक पहुंचने को बोला था। इस कारण परिजन बच्चों के साथ समय पर पहुंचने के फेर में सुबह घर से बिना कुछ खाए-पीये रवाना हो गए।
कार्यक्रम में परिजनों ने बताया कि अधिकांश परिजन बच्चों सहित दस बजे तक स्कूल पहुंच गए थे। स्कूल परिसर में बैठे-बैठे एक बज गया तो अधिकारियों से कार्यक्रम शुरू होने के बारे में पूछा तो उन्हें बताया गया कि जिला कलक्टर आ रहे हैं। अधिकारी जिला कलक्टर का इंतजार करते रहेए जबकि कलक्टर वीडियों कांफ्रेंसिंग में थे। इस कारण वे नहीं आ पाए। बाद में एडीएम सिटी आरडी मीणा पहुंचे और कार्यक्रम शुरू हुआ। आरडी मीणा ने बच्चों को उपकरण भेंट किए। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद बच्चों व परिजनों को भोजन के पैकेट बांटे गए।
२१७ उपकरणों का वितरण
मुख्य अतिथि एडीएम सिटी आरडी मीणा ने दिव्यांग बच्चों को उपकरण भेंट किए और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। जिले भर से आए ९३ दिव्यांग बच्चों को व्हील चेयर, ट्राई साइिकल, सीपी चेयर, बैसाखी, स्मार्ट कैन, डेसी प्लेयर, ब्रेल किट, हियरिंग एड सहित २१७ उपकरणों का वितरण किया गया। कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा रामस्वरूप मीणा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी हजारी लाल शिवहरे, सहायक निदेशक रितु शर्मा, सहायक परियोजना समन्वयक संजय मीणा व पुरुषोत्तम गर्ग व संदर्भ व्यक्ति जितेश जैन मौजूद रहे।