
कोटा. दशहरा मैदान में बनता पार्क तो रियासत काल से भरने वाले मेले पर पड़ता असर। जगह छोटी होने से नहीं हो पाते कार्यक्रम।
कोटा . शहर का दशहरा मैदान जो कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली के प्रगति मैदान की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। उसमें प्रस्तावित सेन्ट्रल पार्क जनप्रतिनिधियों की आपत्ति के बाद नहीं बनेगा।
अधिकारियों और कन्सल्टेंसी कम्पनी ने जनप्रतिनिधियों से चर्चा किए बिना ही दशहरा मैदान में जयपुर की तर्ज पर सेन्ट्रल पार्क बनाने का ले आउट तैयार कर लिया था। जिस पर सरकार ने भी मुहर लगा दी थी। यदि दशहरा मैदान में सेन्ट्रल पार्क बनता तो दशहरा मेला भरना बहुत मुश्किल हो जाता। क्योंकि मेले के दौरान यहां भारी भीड़ रहती है। जिससे मैदान बहुत ही छोटा पड़ जाता। दूसरे कार्यक्रमों का आयोजन भी नहीं हो पाता। सांसद ओम बिरला ने हाल ही में दशहरा मैदान में सेन्ट्रल पार्क की योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां पार्क बनाना उचित नहीं रहेगा। इसके बाद निगम प्रशासन ने भी फिजिबिलिटी देखी और माना कि पार्क बनाना सही नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि हाल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान महापौर ने भी सेन्ट्रल पार्क बनाने पर सवाल उठाया था।
द्वितीय फेज में बनना है सेन्ट्रल पार्क
दशहरा मैदान का विकास कार्य स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है। मुम्बई की आभा नारायण लाम्बा ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की थी। तीन फेज में विकास कार्य करवाया जाना प्रस्तावित है। इसकी अनुमानित लागत करीब 146 करोड़ रुपए आंकी गई है। द्वितीय फेज में अम्बेडकर भवन के पीछे वाली जगह पर जयपुर की तर्ज पर करीब 20 हैक्टेयर में सेन्ट्रल पार्क बनाया जाना प्रस्तावित है। इसमें एक ओपन थियटर भी बनना था। पार्क नहीं बनाने का निर्णय जल्द हो सकता है। क्योंकि जनप्रतिनिधियों के विरोध के स्वर सरकार तक पहुंच गए हैं। सरकार के स्तर पर भी इसकी समीक्षा शुरू हो गई है।
क्लब हाउस पीपीपी मोड पर संचालित होंगे
दशहरा मैदान के नए स्वरूप में एक आलीशान क्लब हाउस और एक मल्टीपरपज एक्टिविटी सेन्टर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनाया जाएगा। इसमें विभिन्न तरह के आयोजन हो सकेंगे। दो भूखण्ड होटल और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए आरक्षित रखे गए हैं। दशहरा मैदान में निगम के कर्मचारियों के लिए मल्टीस्टोरी बिल्डिंग भी बनाई जाएगी।
ये चल रहे काम
दशहरा मैदान के चारों तरफ पार्किंग बनाई जाएगी, ताकि जाम लगने की नौबत नहीं आएगी।
दशहरा मैदान के बीच में वीआईपी पार्किंग बनाई जाएगी।
विजयश्री रंगमंच के सामने खुली जगह रखी गई है। इस रंगमंच पर आसानी से एक लाख लोग एक साथ आ सकेंगे।
पूरे मैदान में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा।
अंडर ग्राउण्ड वाटर सप्लाई की व्यवस्था प्रस्तावित। साथ ही वाटर टैंक बनाए जाएंगे।
& दशहरा मैदान में सेन्ट्रल पार्क नहीं बनाया जाएगा। कोटा स्मार्ट सिटी कम्पनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 15 दिसम्बर को होने वाली बैठक में पार्क के प्रस्ताव को निरस्त करवाया जाएगा। सांसद, विधायक और पार्षद भी पार्क के पक्ष में नहीं है। दशहरा मेला भरवाने के लिए पार्क की योजना निरस्त करवाएंगे।
महेशविजय, महापौर
Published on:
13 Dec 2017 06:18 pm
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