
उठाया जिम्मा,कोरोना को हरा के मानेंगे, खुद अपने वाहनो को बैरिकेट्स बना रोक दिए रास्ते, ताकि बेवजह न घूमे लोग
कोटा . कोरोना को फैलने से रोकने के लिए अब शहरवासी खुद कमान संभालते नजर आ रहे हैं। कई रिहायशी इलाकों में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन अपने मोहल्ले को सील कर रहे हैं ताकि कोई भी बाहरी व्यक्ति उनके एरिया में ना आ सके। यहां तक कि जिन फल और दूध विक्रेताओं के पास प्रशासन द्वारा बनवाए गए पास नहीं हैं, उन्हें भी रोका जा रहा है।
शहर के केसर बाग मस्जिद गली में भी ये नजारा देखने को मिल रहा है कोराना वायरस से संक्रमण के चलते केसर बाग मस्जिद गली में किसी भी व्यक्ति के आने पर पाबंदी लगा दी गई है। यहां की व्यवस्थाएं खुद गली के नौजवानो ने संभाल रखी है। ताकि कोई भी बेवजह बाहर न घूमे ना ही बाहर के व्यक्ति का प्रवेश हो। यहां करीब 150 घर है।
देश हित में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन के फैसले के बाद से ही देशभर में लागु लॉक डाउन की लोग पालना कर रहें है। दिन और रात नौजवानो की टोली अलग अलग समय में पहरा देती है। लॉकडाउन के बाद से ही गली मेे मस्जिद पर भी ताला लगा हुआ है। मुस्लिम समाज के लोग घरों ही नमाज अदा करते है। इंजीनियर खलील, रफीक पठान और जोधराज नागर बताते है कि इस गली में सभी लोग लॉक डाउन की पालना करते है। यहां बाहरी व्यक्ति का प्रवेश पर पांबदी है। किसी को भी आने की इजाजत नही है। इसके लिए कॉलोनी में प्रवेश करते ही कारो से बेरिकेट्स बनाकर रास्ता रोका गया है। कॉलोनी के सभी लोगों ने मिलकर ठाना है कि कोराना को हराकर ही मानेगें।
कोरोना वायरस को भगाने के लिए कॉलोनी के लोगों का कहना है की सोशल डिस्टेंस बनाकर अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए क्योंकि अकेले कोटा शहर में शनिवार तक 33 व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है। ऐसे में उनका कहना है कि प्रशासन काफी अच्छा काम कर रहा है। इस तरह के पहरे लगाने से काफी मदद मिलेगी। सब्जी और फल विक्रेताओं को प्रशासन की ओर से तय किए गए समय के दौरान सैनिटाइज करके ही एरिया में दाखिल होने की मंजूरी दी जा रही है।
Updated on:
11 Apr 2020 05:48 pm
Published on:
11 Apr 2020 05:42 pm
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