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कोटा में यूआईटी ने काटे प्लॉट, कीमत भी कर दी कम, फिर भी नहीं खरीद रहे लोग, क्यों पढि़ए खबर…

Kota UIT, Residential Plan, Plot, Aawasiya Yojana : यूआईटी की ओर से विकसित की जाने वाली आवासीय योजनाओं से लोगों का मोहभंग हो गया।

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कोटा

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Zuber Khan

Nov 02, 2019

kota Uit

कोटा में यूआईटी ने काटे प्लॉट, कीमत भी कर दी कम, फिर भी नहीं खरीद रहे लोग, क्यों पढि़ए खबर...

कोटा . नगर विकास न्यास ( kota uit ) की ओर से विकसित की जाने वाली आवासीय योजनाओं में अब रहने के लिए आवश्यक सुविधाएं विकसित करने के बाद ही आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ( Aawasiya Yojana ) पिछले छह साल में न्यास की ओर से जो योजनाएं विकसित की गई, उनमें किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं होने से लोगों का इनसे मोहभंग हो गया। ( Uit plot ) इस कारण भूखंड आवंटित होने के बाद भी आवंटियों ने राशि जमा नहीं कराई। इससे न्यास का करोड़ों रुपए का राजस्व अटका हुआ है।

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न्यास ने आवासीय योजनाओं में पानी, बिजली और सड़क जैसी सुविधाएं विकसित किए बिना कागजों में योजना लॉन्च कर दी। मौके पर अभी भी कुछ नहीं है, लोगों को पता ही नहीं है कि उनका कौनसा भूखंड है। सुविधाएं तो दूर कई कॉलोनियों में तो ठीक से सीमांकन तक नहीं हुआ। इसके साथ ही आरक्षित दर लगातार बढ़ाए जाने के कारण नगरीय कर का बोझ बढ़ गया। इससे आवेदकों ने रुचि नहीं ली।

लोगों के घटते रुझान को देखते हुए न्यास भी सबक ले रहा है। अब न्यास आरक्षित दरें भी कम करने पर विचार कर रहा है। वहीं नई योजनाओं के साथ पुरानी योजनाओं में भी सुविधाएं विकसित करने की योजना बना रहा है, ताकि खोया हुआ विश्वास दोबारा हासिल किया जा सके। निकट भविष्य में झालावाड़ रोड पर आईएल फैक्ट्री की जगह पर करीब 250 भूखंडों की योजना लॉन्च होगी। इससे पहले यहां सुविधाएं विकसित की जाएंगी। वहीं उम्मेदगंज में 400 से ज्यादा भूखंडों की योजना विकसित किया जाना प्रस्तावित है। योजना लॉन्च करने से पहले यहां एप्रोच रोड और सुविधाएं विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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उम्मेदगंज योजना के लिए 80 फीट रोड से नहर के किनारे नई सड़क का निर्माण किया जाएगा। यह सड़क नाग-नागिन मंदिर के पास बाइपास सड़क से लिंक की जाएगी। इसके निर्माण के लिए 3 अंडरपास का निर्माण होगा। पहला अंडरपास 80 फीट रोड, दूसरा रेलवे लाइन और तीसरा डीसीएम चौराहे के पास बनेगा। इन दोनों योजनाओं को न्यास मॉडल के रूप में विकसित करेगा।

पुरानी योजनाओं की यह हालत
रामानंद आचार्य योजना में 137 भूखंड हैं। लॉटरी से इन सभी भूखंडों का आवंटन किया गया, लेकिन केवल 47 आवंटियों ने ही राशि जमा कराई। इस योजना के आवंटियों पर 21 करोड़ 68 लाख रुपए बकाया है।
मुकुंदरा विहार योजना में 188 भूखंड आवंटित किए गए। इनमें से 66 आवंटियों ने राशि जमा नहीं कराई। इस योजना के आवंटियों पर 10 करोड़ 66 लाख रुपए बकाया है।
मीराबाई योजना में 77 भूखंड हैं, इनमें से 29 आवंटियों ने राशि जमा नहीं कराई। इस योजना के करीब 4 करोड़ 25 लाख रुपए बकाया हैं।
गोल्डन ग्रीन फार्म हाउस योजना में करीब 80 करोड़ और बालिता फार्म हाउस योजना के करीब 10 करोड़ रुपए बकाया है।

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पुरानी योजनाओं में विकास कार्य होंगे
नई के साथ पुरानी योजनाओं में भी विकास कार्य कराए जाएंगे। वहीं जिन आवंटियों ने राशि जमा नहीं कराई, उन्हें भी राशि जमा कराने का मौका दिया जा रहा है। यदि वे राशि जमा नहीं कराएंगे तो नोटिस जारी करके आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा।
भवानीसिंह पालावत, सचिव, नगर विकास न्यास


सुविधाएं विकसित करेंगे
न्यास की ओर से लोगों की जरूरत को ध्यान में रखकर योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। ऐसा प्रयास रहेगा कि इनमें रहने वाले लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। पुरानी योजनाओं में भी सुविधाएं विकसित करेंगे। ऐसे में जिन्होंने राशि जमा नहीं कराई है, उन्हें जल्द राशि जमा करानी चाहिए।
आर.डी. मीणा, विशेषाधिकारी, नगर विकास न्यास