
Picnic spot will be built on Gandhi Ashthi Visarjan Ghat
12 फरवरी 1948 के दिन कोटा से गुजर रही चम्बल नदी के जिस घाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अस्थियां विसर्जित की गई थीं वहां अब यूआईटी राजघाट की तरह गांधी स्मृति स्थल और पिकनिक स्पॉट विकसित करेगी। राष्ट्रपिता गांधी के जन्म दिन पर कोटा नगर विकास न्यास के चेयरमैन रामकुमार मेहता ने योजना की घोषणा की। उन्होंने बताया कि गांधी स्मृति स्थल छोटी समाध और इसके आसपास के क्षेत्र को राजघाट की तरह विकसित करके पर्यटन सर्किट तैयार किया जाएगा।
रामपुरा घाट पर विसर्जित हुई थीं अस्थियां
12 फरवरी 1948 के दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अस्थियों को कोटा में चम्बल किनारे बने रामपुरा में छोटी समाध पर विसर्जित किया गया था। जिसकी याद में यहां एक शिलालेख भी स्थापित किया गया था, लेकिन वक्त के साथ लोग इस जगह की महत्ता भूल गए और यह ऐतिहासिक स्थल दुर्दशा का शिकार हो गया। हालत यह थी कि कोटा के तमाम लोगों को इस ऐतिहासिक स्थल के बारे में जानकारी तक नहीं है। पिछले साल राजस्थान पत्रिका ने मुहिम चलाकर इस जगह का जीर्णोद्धार कराया था।
इस तरह होगा गांधी स्मृति घाट का विकास
यूआईटी चेयरमैन आरके मेहता ने बताया कि गांधी स्मृति घाट विकास योजना पर 5 करोड़ रुपए की लागत आएगी। जिसमें गांधी घाट के अलावा छोटी बड़ी समाध, औघड़ की बगीची, श्मशान घाट सहित पांच स्थानों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके साथ ही यहां का विकास होने के बाद चंबल में बोटिंग की भी व्यवस्था करने का प्रयास किया जाएगा। यहां से लेकर स्टेशन तक चंबल किनारे के सभी घाट विकसित हों।
5 दिन में स्वीकृत कर देंगे डीपीआर
यूआईटी चेयरमैन ने बताया कि गांधी स्मृति घाट विकास योजना की डीपीआर यूआईटी ने तैयार कर ली है। इसे अगले 5 दिन में स्वीकृत कर दिया जाएगा। 30 जनवरी को विकास योजना का शिलान्यास करके काम भी शुरू कर दिया जाएगा। डीपीआर को स्वीकृत करने के बाद यदि राज्य सरकार की अनुमति की जरूरत पड़ी तो उसे भी ले लिया जाएगा। अगले साल 2 अक्टूबर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित घाट पर ही गांधी स्मृति का आयोजन किया जाएगा।
Published on:
02 Oct 2017 01:23 pm
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