
विद्युत लोड अधिक है तो थ्री फेज में बदलवाएं सिंगल फेज कनेक्शन...ऐसे रहे सुरक्षित
कोटा. अपने घरों व संस्थानों में एक बार बिजली कनेक्शन लेने के बाद आमतौर पर उपभोक्ता वर्षों बाद भी यह ध्यान नहीं देता कि उसके घर या संस्थान में अब लोड बढ़ चुका है तथा पूर्व में स्वीकृत लोड के अनुसार उसके द्वारा उपयोग में लाई जा रही केबल्स, स्विच, एमसीबी आदि बढेÞ हुए लोड को झेलने में अब सक्षम नहीं है। ऐसे में घरों या संस्थानों में शॉर्ट सर्किट होने तथा आग लगने की आशंका बनी रहती है।
लोगों के दैनिक जीवन में सुविधाओं की वृद्धि के लिए बढ़ रहे नित-नए विद्युत उपकरणों की संख्या ने उनके बिजली कनेक्शनों पर विद्युत लोड को स्वीकृत लोड से कई गुना अधिक बढ़ा दिया है। भीषण गर्मी के चलते लगातार बढ़ रही एसी व कूलरों की संख्या इसका मुख्य कारण है। उपभोक्ता गर्मी से राहत व अन्य सुविधाओं के लिए घरों या संस्थानों में बिजली उपकरण तो बढ़ा रहे हैं, लेकिन बिजली कंपनी केईडीएल में आवेदन कर बिजली कनेक्शन पर लोड बढवाने पर ध्यान नहीं दे रहे।
उपभोक्ताओं के लिए बिजली कनेक्शन के स्वीकृत लोड से अधिक लोड पर बिजली का उपभोग करना हादसे का कारण बन सकता है। लोड बढ़ा हुआ होने से घर की केबल्स, स्विच, एमसीबी, फयूज, फिटिंग की वायरिंग आदि में शॉर्ट सर्किट की आशंका रहती है और यह आग का कारण भी बन सकती है। इससे बचने के लिए लोगों को अपने घरों या संस्थानों में इस्तेमाल किए जा रहे विद्युत लोड की जांच करवानी चाहिए तथा वास्तविक लोड के अनुसार ही अपने कनेक्शन पर केईडीएल से विद्युत लोड स्वीकृत करवाना चाहिए।
सिंगल फेज पर 5 किलोवाट से अधिक लोड नहीं चलाएं-
छोटे या सिंगल फैमिली वाले घरों में आमतौर पर लोग सिंगल फेज कनेक्शन का ही उपयोग करते हैं। इसमें अपने लोड के अनुसार लोग केईडीएल में 1 से 5 किलोवाट तक के कनेक्शन के लिए आवेदन करते हैं। सिंगल फेज के कनेक्शन पर यदि उपभोक्ता स्वीकृत लोड के अनुसार ही बिजली का उपभोग करते हैं तो शॉर्ट सर्किट होने या केबल्स व फिटिंग आदि में फाल्ट की आशंका कम रहती है, लेकिन आमतौर कई उपभोक्ता शहर में सिंगल फेज कनेक्शन पर 5 से 10 किलोवाट तक के लोड का भी उपभोग कर रहे हैं।
यह शॉर्ट सर्किट व आग का कारण बन सकता है और उपभोक्ता व उनके परिजनों के लिए घातक हो सकता है। केईडीएल के सीओओ मुकेश गर्ग ने बताया कि सिंगल फेज कनेक्शन 5 किलोवाट तक ही दिया जा सकता है। ऐसे में उपभोक्ता जिनके घरों में 5 किलोवाट से अधिक लोड हैं तो वे केईडीएल के संबंधित एईएन कार्यालय में जाकर सिंगल फेज कनेक्शन को थ्री फेज कनेक्शन में बदलवाएं।
लोड बढ़ाने या थ्री फेज मेंं बदलवाने पर बिल में बढोतरी नहीं
आमतौर पर लोगों को आशंका है कि थ्री फेज कनेक्शन पर लोड बढ़वाने या सिंगल फेज कनेक्शन को थ्री फेज में बदलवाने के बाद बिल राशि में वृद्धि हो जाती है, विद्युत दर बदल जाती है, लेकिन यह सही नहीं है।
केईडीएल सीओओ गर्ग ने बताया कि घरेलु श्रेणी के कनेक्शनों पर लोड बढाने या सिंगल फेज को थ्री फेज में बदलवाने के बाद बिल में विद्युत दर के मामले में कोई अंतर नहीं आता। उपभोक्ता का कनेक्शन जिस श्रेणी में है, उसी श्रेणी के अनुसार निर्धारित दर से ही बिल जारी होता है। सिंगल फेज से थ्री फेज कनेक्शन करने पर उपभोक्ता को मीटर बॉक्स व मीटर की कीमत तथा पूर्व में जमा सिक्यूरिटी राशि में वर्तमान बढ़े लोड के अनुसार निर्धारित सिक्यूरिटी राशि का अंतर मात्र एक बार जमा करना होता है।
थ्री फेज कनेक्शन पर हर फेज पर रखें समान लोड-
शहर में ऐसे कई उपभोक्ता हैं जिनके घरों या संस्थान में थ्री फेज कनेक्शन तो हैं, लेकिन उनका स्वीकृत लोड कितना है और वर्तमान में वे कितना लोड चला रहे हैं, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। साथ ही हर फेज पर बराबर-बराबर लोड है या नहीं। इसका भी ध्यान नहीं रखा जा रहा। थ्री फेज कनेक्शन पर भी एक ही फेज पर अत्यधिक लोड डाल देने के कारण केबल व फिटिंग पर लोड बढ़ जाता है और फाल्ट होने या स्पार्किंग आदि की आशंका बढ़ जाती है।
केईडीएल के सीओओ गर्ग ने बताया कि उपभोक्ता तीनों फेज में से प्रत्येक में बराबर-बराबर लोड रखें। घर में एक से अधिक एसी तो थ्री फेज कनेक्शन की जरुरत-
सिंगल फेज कनेक्शन पर अधिकतम 5 किलोवाट लोड ही स्वीकृत किया जाता है। यदि किसी घर या संस्थान में दो एसी भी हैं तो अन्य सामान्य उपकरणों के साथ संबंधित कनेक्शन पर लोड 5 किलोवाट को पार कर जाता है।
ऐसे में मोटे तौर पर देंखे तो उपभोक्ता को स्वत: ही पता चल जाना चाहिए कि यदि उनके घर में एक से अधिक एसी है तो घर व परिवार को सुरक्षित रखने के लिए थ्री फेज कनेक्शन की जरुरत है। इसके अलावा यदि घर में दो से अधिक किराएदार हैं या दो से तीन कमरों में कोचिंग स्टूडेंट पेइंग गेस्ट के रूप में रह रहे हैं, तो भी संबंधित कनेक्शन पर लोड 5 किलोवाट से अधिक हो जाता है। ऐसे में थ्री फेज कनेक्शन लेकर लोड को हर फेज पर बराबर-बराबर बांटना ही उचित है।
Published on:
15 Jun 2019 11:18 pm
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