
कोटा. कोटा मंडल में यूं तो एक से बढ़कर एक पर्यटक स्थल और दर्शनीय स्थल हैं जो पर्यटकों के लिए आकर्षण के केंद्र हैं। इन सबके अलावा प्राकृतिक सौंदर्य से भरपुर, जंगलों के बीचों बीच स्थित एक रेलवे सुरंग है, हर किसी को लुभाती है। इसके साथ ही ये सुरंग कोटा-चित्तौडग़ढ़ रेलखंड की विकास गाथा की गवाह है । पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राहुल जयपुरियार ने बताया कि भीमलत टनल कोटा-चित्तौडग़ढ़ रेल खंड में वर्ष 1988 में दुर्गम पहाड़ी के बीच रेल परिचालन को सुगम बनाने के उद्देश्य से निर्मित की गई थी। जो श्रीनगर और जालंधरी स्टेशनों के बीच बीच स्थित है। इस सुरंग की कुल लंबाई 320 मीटर है और यह 4 डिग्री कर्व पर बनी हुई है। यह टनल विगत तीन दशकों से कोटा चित्तौडग़ढ़ रेल खंड के विकास की मौन गवाह है। श्रीनगर और जालंधरी के बीच स्थित घाट सेक्शन में टनल के पास ही ख्याति प्राप्त झरना भीमलत महादेव वाटरफॉल स्थित है। जो पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। टनल के एक छोर से जब कोई रेलगाड़ी प्रवेश करती है तो बच्चों की किलकारियों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो जाता है। इस टनल के दोनों तरफ का प्राकृतिक सौंदर्य बहुत ही मनोरम है। इस टनल तक पहुंचने के लिए बूंदी से बिजोलिया स्टेट हाईवे सबसे उपयुक्त मार्ग है। इस स्टेट हाइवे के जरिए टनल तक पहुंचा जा सकता है।
Published on:
10 Oct 2021 10:09 pm
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