
Rajasthan government gives undisclosed rebate of black marketing
वाणिज्यिक कर विभाग की ओर से हर साल दिवाली के एक माह पहले ही दूसरे राज्यों से आने वाले माल की जांच के लिए विशेष दल गठित किए जाते थे और बिना जांच-पड़ताल के माल शहर में नहीं आने दिया जाता था, लेकिन इस बार कोई दल गठित नहीं किया गया। नोटबंदी और जीएसटी से परेशान व्यापारियों पर कार्रवाई करने से रोकने के लिए सरकार ने अघोषित तौर पर अधिकारियों के हाथ बांध दिए।
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दो नंबर का माल पकड़ने के लिए नहीं हुईं टीमें गठित
सूत्रों ने बताया कि प्रदेशभर में वाणिज्यिक कर विभाग की ओर से दो नम्बर में आने वाले माल पर नजर रखने के लिए विशेष टीमों का गठन किया जाता है। इस बार सरकार ने अधिकारियों को मौखिक निर्देश दिए थे कि कोई जांच दल गठित नहीं किए जाएंगे। न दिवाली तक किसी व्यापारी के यहां कर संबंधित मामले में जांच पड़ताल की जाएगी। इसके चलते वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारी व कर्मचारी एक माह से खाली बैठे हैं।
सड़क से लेकर ट्रेन मार्ग पर रहती थी चौकसी
हर साल विभाग की ओर से चार से पांच स्पेशल टीमों का गठन किया जाता था। दो टीम शहर में सड़क मार्ग से आने वाले माल पर नजर रखती थी, एक टीम ट्रेनों से आने वाले माल की निगरानी रखती थी। स्टेशन से माल निकलते ही जांच की जाती थी। एक उडऩदस्ता चौबीस घण्टे शहर में घूमता और बिना बिल और बिल्टी के माल होने की आशंका पर पड़ताल करता था। पिछले साल कोटा में ही दिवाली सीजन पर 30 करोड़ से अधिक का माल कर चोरी में पकड़ा था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका।
Published on:
19 Oct 2017 09:12 am
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