लाडपुरा निवासी रूकमणी महावर (40) ने बताया कि वह बीनबाजा स्थित मतदान केन्द्र भाग संख्या 108 पर वोट डालने के लिए 2 बजे कतार में लगी। शाम 4 बजे जब बूथ के अंदर गई तो कर्मचारियों ने बताया कि आपका वोट तो डल चुका। इसी तरह लाडपुरा निवासी जीतू कश्यप (38) ने बताया कि दो घंटे करीब लाइन में लगने के बाद जैसे ही मतदान करने बूथ के अंदर गया तो पर्ची देखने के बाद कर्मचारियों ने कहा कि आपका वोट भी पहले डल चुका। अब दोबारा से वोट नहीं डलेगा और मतदान केन्द्र से बाहर निकाल दिया। बाहर जैसे ही दोनों के फर्जी वोट डलने की सूचना मिली तो प्रमोद लोधा सहित अन्य लोग उन्हें लेकर बीएलओ के पास गए। बीएलओ उन्हें अंदर पीठासीन अधिकारी के पास लेकर गया तो अधिकारी ने कहा कि इन्होंने पहले वोट डाल दिया अंगुली से स्याही मिटा दी। बीएलओ ने भी पीठासीन अधिकारी को समझाया कि इन्हें मैं जानता हूं। ये मतदान करने नहीं आए, लेकिन पीठासीन ने किसी की नहीं सुनी।
वोट नहीं डालने दिया
कोटा उत्तर में चन्द्रेसल रोड रामसरोवर कॉलोनी निवासी अर्चना राजावत ने बताया कि वह एवरेस्ट पब्लिक स्कूल में शाम 4.30 बजे मतदान के लिए गई। वहां बीएलओ व अन्य अधिकारियों ने लिस्ट में नाम नहीं होने की बात कहकर वोट नहीं डालने दिया। एक घंटे तक इधर उधर घुमाने के बाद कहा कि आपके पति का नाम सही नहीं है, जबकि मेरी शादी ही नहीं हुई, उसमें पिता का नाम था। वोट नहीं डालने दिया तो जिला कलक्टर से लेकर राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को फोन करने के बाद घर लौट गई। मतदान केन्द्र से 6 बजे फोन आया कि आपका नाम मिल गया, वोट डालने आ जाओ, लेकिन मैं वापस नहीं गई।
लिस्ट में ही नाम गायब
झालावाड़ में पदस्थापित अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश दम्पती और उनके परिजन के नाम मतदाता सूची से गायब मिले। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश प्रशांत शर्मा और उनकी पत्नी सोनाली का दादाबाड़ी में पैतृक आवास हैं। यहां मतदाता सूची में नाम हैं। दोनों न्यायिक अधिकारी, उनके छोटे भाई हरीश व उसकी पत्नी सोनिया चिल्ड्रन स्कूल स्थित मतदान केंद्र पहुंचे तो चारों का नाम गायब मिला। जबकि विधानसभा चुनाव में चारों ने मतदान किया था, लेकिन इस बार चारों के नाम सूची से हटा दिए। इस कारण वे मतदान से वंचित हो गए। वे इस बारे में जिला निर्वाचन अधिकारी को शिकायत करेंगे।