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‘आधी आबादी’ के लिए आरक्षित सीटों पर कब्जा नहीं कर सकेंगे मर्द

रोडवेज बसों में खड़े होकर सफर नहीं करेंगी महर सीट पर होगा पैनिक बटन और मोबाइल चार्जर,  

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'आधी आबादी' के लिए आरक्षित सीटों पर कब्जा नहीं कर सकेंगे मर्द

'आधी आबादी' के लिए आरक्षित सीटों पर कब्जा नहीं कर सकेंगे मर्द

कोटा. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (आरएसआरटीसी) की बसों में महिलाएं अब खड़े होकर सफर नहीं करेंगी। सफर के दौरान 'आधी आबादीÓ को सीट देने में प्राथमिकता मिलेगी। महिलाओं के लिए हर बस में छह सीटें तो आरक्षित रहेंगी ही, इसके बाद भी ज्यादा सीटों की जरूरत पड़ेगी तो बस पर तैनात रोडवेज स्टाफ उन्हें मुहैया करवाएगा। राजस्थान रोडवेज के प्रबंध निदेशक नवीन जैन ने इस बाबत मातहतों को निर्देश जारी कर दिए हैं।

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आरएसआरटीसी को घाटे से उबारने के लिए रोडवेज प्रबंधन खस्ता हाल बसों को हटाकर नई बसों की संख्या बढ़ाने के साथ ही मुसाफिरों की सुविधाओं में इजाफा करने में भी जुटा हुआ है। इतना ही नहीं रोडवेज के आला अधिकारी मुसाफिरों की शिकायतों का समाधान करने और खामियां सुधारने के लिए जनता से सीधे जुडऩे लगे हैं।

सोशल मीडिया पर हुई शुरुआत
रोडवेज के प्रबंध निदेशक नवीन जैन ने बताया कि इसके लिए फेसबुक पर राजस्थान रोडवेज (Rajasthan Roadways) का पेज बनाया गया है। जहां निगम का पब्लिक डिलेवरी सिस्टम इम्प्रूव करने के लिए लोगों से कंस्ट्रक्टिव सजेशन्स मांगे गए हैं। रोडवेज की सुविधाओं में सुधार करने के साथ ही उन्हें और भी ज्यादा बेहतर बनाने के लिए लोग इस पेज पर अपने विचार और सुझाव साझा कर सकते हैं। इतना ही नहीं सफर के दौरान किसी तरह की कोई असुविधा होने पर मुसाफिर इस पेज के जरिए आला प्रबंधन तक अपनी शिकायत और समस्याएं भी पहुंचा सकते हैं।

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सहूलियत पर जोर

नवीन जैन ने बताया कि महिलाओं और बुजुर्गों के लिए रोडवेज बसों का सफर आसान बनाने के लिए उन्हें सीट देना सुनिश्चित करने के साथ ही सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ाने पर खास जोर दिया जा रहा है। महिलाओं के लिए ड्राइवर सीट के ठीक पीछे वाली छह सीटें आरक्षित की जा रही हैं। यदि कोई पुरुष सवारी इन सीटों पर यात्रा की शुरुआत से बैठ भी गई होगी तो महिला सवारी के आने पर उन्हें इसे खाली करना होगा। बस के परिचालक और चालक को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि यात्रा के दौरान महिला और बुजुर्ग सवारियों को हर हाल में सीट उपलब्ध करवाई जाए। वह किसी भी सूरत में खडे होकर यात्रा न करें।

यह भी मिलेगी सहूलियत
रोडवेज बसों में महिला सुरक्षा को चाक चौबंद बनाने के लिए ब्लू लाइन बसों के नए बेड़े में व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम शुरू करने के साथ ही सीट पर पैनिक बटन की भी सुविधा दी जा रही है। इसके साथ ही बसों में पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम, हर सीट पर मोबाइल चार्जर, इमरजेंसी सायरन सिस्टम और फायर टेंडर की सुविधा दी जा रही है। रोडवेज खस्ताहाल पुरानी बसों को हटाकर रोडवेज के बेड़े में 876 नई ब्लू लाइन बसें शामिल कर रहा है। नवीन जैन ने बताया कि कोटा आगार को करीब 15 बसें दिए जाने का प्रस्ताव है। जिनमें से अभी तक आठ बसें अलॉट की जा चुकी हैं और एक बस कोटा आगार पहुंच भी गई है। उन्होंने नए बस अड्डे तक सिटी ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सुधारने और बस स्टेंड पर यात्रियों के ठहराव की सुविधाएं बढ़ाने के लिए भी मातहतों को निर्देशित किया है।