scriptRakshabandhan When to celebrate 30 or 31 August know right time but Bhadra is dangerous | Rakshabandhan : रक्षाबंधन कब मनेगा 30 या 31 अगस्त, जानें सही वक्त, पर भद्रा है खतरनाक | Patrika News

Rakshabandhan : रक्षाबंधन कब मनेगा 30 या 31 अगस्त, जानें सही वक्त, पर भद्रा है खतरनाक

locationकोटाPublished: Aug 27, 2023 03:01:47 pm

Rakshabandhan 2023 : इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया पड़ रहा है। बहन और भाई दोनों परेशान है कि, रक्षाबंधन का त्योहार कब और किस वक्त मनाया जाए जिससे कोई नुकसान न हो। तो जानें रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर राखी कब बांधें 30 अगस्त को या 31 अगस्त का।

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Rakshabandhan 2023
Bhadra is Dangerous : रक्षाबंधन कब मनेगा 30 अगस्त या 31 अगस्त। इस सवाल का जवाब क्या है हर व्यक्ति परेशान है। रक्षा बंधन पर 30 अगस्त को सुबह से रात तक भद्रा का साया रहेगा। भद्रा काल टालने के बाद ही रक्षा सूत्र बांधे जा सकेंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 30 को सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी। इसी के साथ भद्रा लग जाएगी। इससे दिनभर रक्षा सूत्र नहीं बांधे जा सकेंगे। शास्त्रों के अनुसार भद्रा काल में रक्षासूत्र नहीं बाधना चाहिए। ऐसे में इसके बाद ही रक्षा सूत्र बांधना श्रेष्ठ रहेगा। रात तक भद्रा होने के कारण अलग मतों के अनुसार कई लोग 31 को उदियात तिथि के अनुसार रक्षाबंधन मनाएंगेे, लेकिन अधिकतर ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 30 को रक्षाबंधन मनाया जाना श्रेष्ठ बताया है।

रक्षाबंधन पर भ्रद्रा कब से कब तक रहेगा

आचार्य धीरेन्द्र ने बताया कि 30 अगस्त को सुबह 10.59 मिनट से रात 9.02 मिनट तक भद्रा रहेगी। इसके बाद राखी बांधी जा सकती है। इसके अलावा शाम को भद्रा के पुच्छकाल में 5.30 बजे से 6.31 बजे तक भी अत्यंत आवश्यक हो तो राखी बांधी जा सकती है।

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31 अगस्त को मिलेंगे कुछ मिनट

कई लोग उदियात तिथि को देखते हुए 31 अगस्त को राखी मनाएंगे। पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को शुरू होकर 31 को सुबह 7 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। इस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 05 मिनट पर होगा। इस कारण सुबह 7 बजकर 05 मिनट तक ही रक्षा सूत्र बांधे जा सकते हैं।

भद्रा में रक्षाबंधन मनाना उचित नहीं

ज्योतिषाचार्य पं.सुधाकर पुरोहित ने बताया कि रक्षाबंधन 30 अगस्त को मनाना चाहिए। भद्रा चाहे स्वर्ग में हो या पृथ्वी लोक पर हो अथवा पाताल लोक में हो किसी भी स्थिति में भद्रा काल में रक्षाबंधन नहीं किया जाता। नहीं तो नुकसान हो सकता है।

भद्रा का असर, देखें एक उदाहरण

बताया जा रहा है कि लोक मान्यता है कि रावण की बहन ने उसे भद्रा में राखी बांधी थी तो उसका सब कुछ खत्म हो गया।

पर्व में समय कम, रौनक बढ़ी

रक्षाबंधन में 3 से 4 दिन का समय शेष रहने से बाजारों में रौनक नजर आ रही है। रात तक बाजार राखियों की चमक से दमक रहे हैं। मुख्य बाजार, कॉलानियों में जगह-जगह राखियों की दुकानें सज गई हैं। इन पर ग्राहकों की पसंद के अनुरूप सस्ती महंगी राखियां मिल रही है।

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